गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि गंगा कोई नदी नहीं, बल्कि यह भारत के संस्कृति का अभिन्न अंग है. इसलिए हम गंगा को मां का दर्जा दे रखे है. लेकिन दुखद यह कि आजादी के बाद कुछ सरकारों को इसका एहसास नहीं हुआ.
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Munger News: जल और वायु मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार है. इसके बिना पृथ्वी पर मानव जीवित नहीं रह सकता है, लेकिन आज इसी दोनों आधार के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. गंगा मैली हो रही है तो दूसरी ओर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से वायु प्रदूषित हो रहा है. जल तथा वायु की सुरक्षा व संरक्षा में सरकार से अधिक समाज की भागीदारी आवश्यक है. गंगा समग्र इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है. यह बातें गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिंह ने बेकापुर स्थित जगदशी भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि गंगा कोई नदी नहीं, बल्कि यह भारत के संस्कृति का अभिन्न अंग है. इसलिए हम गंगा को मां का दर्जा दे रखे है. लेकिन दुखद यह कि आजादी के बाद कुछ सरकारों को इसका एहसास नहीं हुआ. नतीजा यह हुआ कि गंगा में प्रदूषित जल और प्रदूषक तत्वों का प्रवाह होने लगा. मां गंगा के गौरव को वापस लौटाने के लिए गंगा समग्र की शुरूआत की गई है. गंगा समग्र का उद्देश्य अगली पीढ़ी की सभ्यता और संस्कृति को बेहतर बनाना है. अविरल और निर्मल गंगा उन्हें सौंपें.
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उन्होंने कहा कि पौध रोपण और गंगा को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. गंगा किनारे पांच किलोमीटर तक जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार से मांग किया गया है. उन्होंने कहा कि इतिहास हम लिख सकते है, लेकिन भूगोल नहीं बना सकते, इसलिए नदियों से अवैध उत्खनन पर रोक लगे और नदियों को अपने धार में बहने दें.
रिपोर्ट- प्रशांत कुमार