बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी पार्टी के BJP और जद (यू) के छोटे सहयोगी होने के उन्हें कारण घुटन महसूस हो रही है और साल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के एक साल से भी कम समय में पद छोड़ने का उन्हें मलाल है.
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Patna: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी पार्टी के BJP और जद (यू) के छोटे सहयोगी होने के उन्हें कारण घुटन महसूस हो रही है और साल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के एक साल से भी कम समय में पद छोड़ने का उन्हें मलाल है.
मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 243 सदस्यीय विधानसभा में चार विधायक हैं. उन्होंने कहा कि आगामी विधान परिषद चुनावों में जब हमारे बड़े सहयोगी हमारा समर्थन मांगेगे तो हम अपनी उपस्थिति महसूस करा सकते हैं.'' मांझी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित कर रहे थे.
वहीं, इससे पहले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, किशनगंज में प्रेसवार्ता के दौरान जातिगत जनगणना को लागू कराने को लेकर राजनीतिक दलों के क्रेडिट लेने के सवाल पर बोल रहे थे, इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिसकी सत्ता है, उसकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं हो सकता.
जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके बिना जातिगत जनगणना करवाना मुमकिन नहीं था, नीतीश कुमार शुरू से ही चाहते थे कि जातीय आधारित जनगणना हो ताकि बहुसंख्यक जाति के लोगों को उसका अधिकार मिले.
नीतीश कुमार को पीएम मेटेरियल के सवाल पर हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने चुटकी लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार के पास सब गुण संपन्न हैं. लेकिन गुण होने से ही जरूरी नहीं कि लोग सब कुछ हासिल कर पाएं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार देश के लिए कुछ भी हो सकते हैं लेकिन आनेवाला वक्त ही बता पायेगा की वो पीएम बन पाते हैं या नहीं.
(इनपुट: भाषा)