Kojagari Purnima: चंद्रमा के प्रभाव में ही व्यक्ति का स्वभाव प्रेमी होता है. इसके अलावा प्रकृति के कई नियमों को पूरा करने में भी सूर्य और चंद्र ही सहायक है. इसीलिए बिहार जहां छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा करता है, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की पूजा करता है.
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पटनाः Kojagari Purnima: शरद पूर्णिमा की रात को बिहार में कोजागरी पूर्णिमा (Kojagari Purnima) के नाम से जाना जाता है. बिहार में यह दिन नवदंपतियों या फिर जिनका विवाह होने वाला है, उनके लिए खास होता है. इसके अलावा प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए भी यह दिन विशेष रूप से यादगार करने वाला होता है.
महाकवि कालिदास, महाकवि भास और आचार्य पाणिनी तक ने प्राचीन काल के कई साहित्यों में प्रेम और प्रेमिका की तुलना चंद्रमा से की है. यह तुलना यों ही नहीं हुई है. ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा मन का स्वामी है. जब चंद्र कलाएं बढ़ती हैं तो यह प्रेम में खुद ब खुद वृद्धि करता है.
चंद्रमा के प्रभाव में ही व्यक्ति का स्वभाव प्रेमी होता है. इसके अलावा प्रकृति के कई नियमों को पूरा करने में भी सूर्य और चंद्र ही सहायक है. इसीलिए बिहार जहां छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा करता है, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की पूजा करता है.
इससे जुड़ी महाभारत काल की एक कथा भी है, जहां नागकन्या उलूपी ने चंद्रमा के सहारे ही पांडव अर्जुन को अपने प्रेमपाश में बांधा था. इसलिए कोजागरी की रात (Kojagari) को मिथिलांचल में नवदंपतियों के लिए खास माना जाता है. अगर आप भी अपना प्यार पाना चाहते हैं तो कोजागरी की रात कुछ खास उपाय जरूर कर सकते हैं.
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इन उपायों से मिल जाएगा प्यार
1. शाम के समय भगवान राधा-कृष्ण की पूजा करें.
2. राधा-कृष्ण को एक गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें.
3. मध्य रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य दें. और फिर “ॐ राधावल्लभाय नमः” मंत्र का जाप करते हुए कम से कम तीन माला जपें.
4. आप चाहें तो मधुराष्टक का भी कम से कम 3 बार पाठ कर सकते हैं. फिर भगवान से अपने मनचाहे प्रेमी को पाने के लिए प्रार्थना करें.
5. भगवान को चढ़ाई गयी गुलाब की माला को अपने पास सुरक्षित रखें.