शिक्षकों ने तोड़ी सारी मर्यादा! हेडमास्टर के पद के लिए जमकर चले लात-घूसे
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1005600

शिक्षकों ने तोड़ी सारी मर्यादा! हेडमास्टर के पद के लिए जमकर चले लात-घूसे

इस दौरान शिवशंकर गिरी ने कहा कि पत्र खुद रिंकी कुमार को रिसीव करना चाहिए. इसी बात को लेकर दोनों शिक्षकों के बीच तू-तू मैं -मैं शुरू हो गई. बात इतनी बढ़ गई कि दोनों शिक्षकों ने सारी मर्यादा को तोड़कर एक दूसरे पर लात-घूसे चलाना शुरू कर दिया. 

 

हेडमास्टर के पद के लिए जमकर चले लात-घूसे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Motihari: मोतिहारी के बीआरसी कार्यालय में दो शिक्षकों के बीच जमकर मारपीट हुई. हेडमास्टर के पद के लिए शुरू हुआ विवाद मारपीट और झड़प में तब्दील हो गया. इस दौरान शिक्षकों ने सारी मर्यादा तोड़ दी. सार्वजनिक स्थल पर शिक्षकों के बीच लात-जूते चले और लोग तमाशबीन बने रहे. 

क्या है पूरा मामला
दरअसल, मोतिहारी में सरकारी स्कूल के शिक्षक छात्रों को शिक्षा देने से ज्यादा स्कूल के प्रभारी बनने या फिर बने रहने में ज्यादा मसरूफ रहते हैं. जरूरत पड़ने पर शिक्षक इसके लिए आपस में लात-घुसा भी चला लेते हैं. मामला आदापुर के चैनपुर सोनार टोला स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का है. यहां स्कूल में हेडमास्टर के प्रभार को लेकर वरीय शिक्षक रिंकी कुमारी और प्रभारी प्रधानाध्यापक शिवशंकर गिरी के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा है. इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय से मिले निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (BEO) हरिराम ने पत्र जारी किया था. 

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर के रास्ते बनारस ले जा रहे थे करोड़ों का सोना, 3 तस्कर गिरफ्तार

शिक्षा अधिकारी ने वर्तमान प्रभारी शिव शंकर गिरी और वरीय शिक्षक होने का दावा करने वाली शिक्षिका रिंकी कुमारी से शैक्षणिक और नियोजन से संबंधित सभी कागजात को तीन दिन के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. पत्र को रिसीव करने के लिए दोनों पक्ष को प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में बुलाया गया था. इस दौरान पत्र रिसीव करने पहुंचे प्रभारी प्रधानाध्यापक शिवशंकर गिरी और कार्यालय में पहले से मौजूद शिक्षक आलोक के बीच विवाद हो गया. 

तू-तू मैं-मैं के बाद चले लात घूसे
इस दौरान शिवशंकर गिरी ने कहा कि पत्र खुद रिंकी कुमार को रिसीव करना चाहिए. इसी बात को लेकर दोनों शिक्षकों के बीच तू-तू मैं -मैं शुरू हो गई. बात इतनी बढ़ गई कि दोनों शिक्षकों ने सारी मर्यादा को तोड़कर एक दूसरे पर लात-घूसे चलाना शुरू कर दिया. बीआरसी भवन में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के कक्ष में दोनों शिक्षकों के बीच जमकर मारपीट हुई और लोग तमाशबीन बने रहे. 

ये भी पढ़ें- शराब पार्टी की खबर मिलने पर पहुंची पुलिस की टीम पर हमला, SI समेत 8 घायल

ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि हर स्कूल के शिक्षक छात्रों के आदर्श होते हैं. शिक्षकों के जिम्मे ही छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी होती है, छात्र अपने शिक्षक को देखकर ही और उनका अनुसरण कर सिखते हैं लेकिन जब पद के लिए शिक्षक ही मर्यादा को तार-तार करने लगे तो छात्र उनसे क्या सिखेंगे?

(इनपुट- पंकज)

Trending news