राज ने कहा, 'जब मैं 17 साल का था, मैं लड़कों की बजाय लड़कियों की ओर आकर्षित था. एक ट्रांसजेंडर की पहचान स्थापित करना बेहद मुश्किल है.'
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Patna: समाज ने आज ट्रांसजेंडर को भी खुलकर सामान्य नागरिकों की तरह स्वीकार करना शुरू कर दिया है. ऐसे में बिहार पुलिस (Bihar Police) में भी पहली बार एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को कांस्टेबल के रूप में भर्ती किया गया है. इसी के तहत रचित राज कैमूर जिले के एसपी कार्यालय की गोपनीय शाखा में तैनात होने वाले पहले ट्रांसजेंडर कांस्टेबल बन गए हैं.
'पहचान स्थापित करना था मुश्किल'
रचित राज (23), जिन्हें पहले रचना के नाम से जाना जाता था, ने कहा कि वह एक लड़की के रूप में पैदा हुए लेकिन उनका कभी भी महिलाओं के कपड़े पहनने या लड़की जैसे बनने का मन नहीं हुआ. राज ने कहा, 'जब मैं 17 साल का था, मैं लड़कों की बजाय लड़कियों की ओर आकर्षित था. एक ट्रांसजेंडर की पहचान स्थापित करना बेहद मुश्किल है.'
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लोग उड़ाते थे मजाक
रचित बताते हैं, 'जब मैं बाजार गया, तो लोगों ने टिप्पणी की. कई लोगों ने कहा कि एक लड़की एक लड़के की तरह चल रही है.' उन्होंने आगे बताया, 'सभी सामाजिक बाधाओं के बावजूद मैंने एक ट्रांसजेंडर के रूप में पहचाने जाने के लिए अदालत में एक हलफनामा प्रस्तुत किया था. अपनी शारीरिक पहचान को महिला से पुरुष में बदलना बेहद मुश्किल था.'
'साथियों से मिल रहा है सम्मान'
रचित आगे बताते हैं, 'मैंने एक पुरुष के रूप में कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था और मैं इस साल चुना गया. प्रशिक्षण के बाद, मुझे कैमूर में एसपी कार्यालय में गोपनीय शाखा में तैनात किया गया है. अब मुझे अपने साथी सहयोगियों से सम्मान मिल रहा है.'
(इनपुट- भाषा)