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वैशालीः संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 71वा रैंक लाने पर हाजीपुर की बेटी श्रेया श्री का चौरसिया समाज एवं राजकिशोर ग्रुप ऑफ कॉलेज ने भव्य स्वागत किया. श्रेया श्री को जहां पान के पत्तों की माला पहनाकर स्वागत एवं सम्मान किया. वहीं हाजीपुर के जमुनी लाल कॉलेज में उनका स्वागत फूल माला और अंग वस्त्र देकर किया गया.
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावक श्रेया को सुनने के लिए काफी देर तक इंतजार करते रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रेया श्री ने कहा कि मुझे अपने परिवार की प्रथम संतान होने का गर्व है. जब मैं पैदा हुई थी उस समय भी हमारे परिवार एवं समाज के लोग धूमधाम से मेरे लिए खुशियां मना रहे थे.
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मेरे परिवार ने बेटे से ज्यादा बेटी को सम्मान दिया, मेरा एक ही लक्ष्य था मैं सिर्फ और सिर्फ तैयारी करूं और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकूं. अपने जिले से पहली महिला आईएएस बनी हूं. मुझे पता है कि आजादी के बाद मैं अपने जिला की प्रथम महिला आईएएस हुई हूं.
मुझे इस बात की खुशी है की मैं जिले की पहली महिला IAS हूं. मगर इस बात का दुःख भी है की आजादी के 75 वर्षों बाद कोई महिला आईएएस यहां से नहीं बनी. काफी समय लगा, मगर मैं आशा करती हूं की आगे इतना समय नहीं लगेगा. उन्होंने वहां मौजूद छात्र-छात्राओं से कहा की आप सब मेहनत और लगन से सफल होकर हमारे रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयत्न करें.
अभिभावकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वह बेटे और बेटियों में फर्क करना छोड़ें और दोनों को समान अवसर दें. जिससे समाज में बेटियों को मान सम्मान मिल सके, वहीं उन्होंने अंत में छात्र-छात्राओं को कहा कि सोशल मीडिया एक बेहतर शैक्षणिक माध्यम जरूर है. मगर इसे उतना ही पास रखें जिससे आपका भटकाव ना हो और उन्होंने यह भी कहा कि जो मित्र आपके लक्ष्य में बाधा उत्पन्न करें वह आपका मित्र कभी नहीं बन सकता. ऐसे मित्रों से दूर रहें और बेहतर मित्र बनाने का प्रयास करें. जिससे आपको बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा और आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे.