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सुपौलः सुपौल जिले के भीमनगर वार्ड नंबर 11 के 22 वर्षीय युवक को पुलिस ने आर्म्स एक्ट में जेल भेज दिया है, हालांकि पीड़ित परिवार वालों ने जिले के पुलिस कप्तान से लेकर मुख्यमंत्री तक आवेदन देकर इस मामले को लेकर गुहार लगाया है. वहीं सुपौल पुलिस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. दरअसल आपको बता दें कि बीते 12 अप्रैल को आर्म्स एक्ट के तहत भीमनगर निवासी 22 वर्षीय युवक को बीरपुर थाने की पुलिस ने यह कह कर जेल भेज दिया कि उसे 12 अप्रैल की रात्रि गस्ती के दौरान दो दोस्तों के साथ हथियार और 3 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले पर पीड़ित परिजनों का साफ तौर पर कहना है कि भीमनगर निवासी सुमन देवी के बेटे गौरव कुमार को 9 अप्रैल की शाम 6 बजे पुलिस यह कहकर ले गई की किसी केस के सिलसिले में शक के आधार पर पूछताछ करने ले जा रहा हूं और उसको 10 अप्रैल को जिले के दूसरे प्रतापगंज थाना ले जाया गया. जहां 11 अप्रैल को परिजनों ने दिन के 12 बजे के आसपास अपने बेटे को प्रतापगंज थाना में हाजत में बंद के दौरान मुलाकात भी किया. जिसका वीडियो फुटेज भी है. मगर उसी रात 12 बजकर 15 मिनट में बीरपुर थाना इलाके के झील के समीप हथियार दिखाकर उसे जेल भेज दिया गया.
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सवाल है कि जब अपराधी पुलिस अभिरक्षा में था तो इस अपराधी के पास हथियार में देसी कट्टा और जिंदा 3 कारतूस कैसे कहां से आ गया? हालांकि पीड़ित परिवार वाले चिल्ला-चिल्ला कर अपने बेटे के बेगुनाह होने की बात कह रहे हैं. वहीं भीमनगर थाना में भी पीड़ित परिवार वालों ने वीडियो फुटेज थानाध्यक्ष से बातचीत के दौरान बनाया है. मगर मौजूद थानाध्यक्ष अमर नाथ प्रसाद यह जबाब दे रहे हैं कि हमलोग बीरपुर SDPO और SP साहब का आदेश का अनुपालन किया करते हैं इस बाबत जिले के बीरपुर SDPO पंकज कुमार से मिलकर बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया. घर वालों का यह भी कहना है कि इस मामले को लेकर पुलिस कप्तान से मिलने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने अपना फोन स्वीच ऑफ कर दिया.