Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार राजनीति के कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं. वाराणसी में उनकी रैली 22 जनवरी के ऐर-फेर में तो नहीं हो सकता, ना ही उसके बाद होगी. नीतीश की ओर से जितनी हवा बनाई जाएगी, वह राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ही बनाई जाएगी.
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Lok Sabha Election 2024: देश में सर्दी की ठिठुरन का एहसास होने लगा है. दूसरी ओर आने वाले लोकसभा चुनाव के कारण राजनीतिक गरमी बढ़ती जा रही है. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अगले महीने काफी गहमागहमी देखने को मिलने वाली है. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से दो बड़े दिग्गज पूर्वांचल का सियासी तापमान बढ़ाने वाले हैं. सत्तापक्ष की ओर पीएम मोदी अगले महीने 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं. वहीं विपक्षी गठबंधन में पीएम पद की रेस में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जनवरी में वाराणसी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने वाले हैं.
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का 22 जनवरी को पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन होगा. इस कार्यक्रम में देश की तमाम बड़ी हस्तियों को निमंत्रित किया गया है. माना जा रहा है कि उद्घाटन समारोह में करीब 5 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच सकते हैं. इस कार्यक्रम के साथ ही पीएम मोदी की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया जा सकता है. पीएम मोदी का यह कार्यक्रम बीजेपी के 'मंदिर वहीं बनाएंगे' कैंपेन की पूर्ति का प्रतीक होगा. बीजेपी की ओर से राम मंदिर बड़ा मुद्दा रहेगा. इसकी शुरुआत उसी समय हो गई थी जब अमित शाह ने राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख बताई थी.
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उधर विपक्षी गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार ने मोदी को उनके ही घर में घेरने की रणनीति तैयार की है. वह मोदी की संसदीय सीट बनारस से मिशन 2024 का आगाज करेंगे. इसके जरिए नीतीश कुमार यूपी में राजनीतिक संभावनाएं तलाश करेंगे और इंडिया गठबंधन के पक्ष में जनता के मिजाज भापेंगे. वाराणसी में नीतीश कुमार की रैली को सफल बनाने की जिम्मेदारी जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री श्रवण कुमार को मिली है. इस कार्यक्रम को लेकर श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में काफी काम किया और वह वाराणसी में बिहार मॉडल को पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार और गुजरात मॉडल दोनों फेल हैं. अब बिहार मॉडल की पूरे देश को जरूरत है.