Forced Marriage: हाईकोर्ट के आदेश के बाद पटना से सामने आया पकड़ौआ विवाह, पुलिस ने दर्ज किया केस
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Forced Marriage: हाईकोर्ट के आदेश के बाद पटना से सामने आया पकड़ौआ विवाह, पुलिस ने दर्ज किया केस

Bihar Forced Marriage: बिहार में पकड़ौआ विवाह का चलन 1980 के बाद शुरू हुआ था. 1990 के दशक आते-आते इसमें बड़ी बढ़ोतरी हुई. 2023 के नवंबर महीने में पटना हाईकोर्ट ने इस शादी को अवैध करार दे दिया है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Forced Marriage: पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बिहार में पकड़ौआ विवाह या जबरन शादी के मामले सामने आ रहे हैं. पकड़ौआ विवाह का सनसनीखेज मामला पटना सिटी से सामने आया है. दरअसल, पटना सिटी के बाहरी बेगमपुर के रहने वाले पिता रविनेश प्रसाद ने बाईपास थाने में अपने पुत्र गणेश कुमार का जबरिया शादी किए जाने का मामला दर्ज कराया. जिसमें लड़की के परिवार सहित एनजीओ के कुछ महिलाओं को आरोप लगाया है. वहीं जबरन शादी शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.

बताया जा रहा है कि पटना सिटी के नगला इलाके की रहने वाली लड़की पूजा कुमारी, एक एनजीओ के कुछ लोगों के साथ बाहरी बेगमपुर के रहने वाले गणेश कुमार के घर पहुंची. यहां ग्रामीणों के मदद से एढ़ेंक शिव मंदिर में पूजा कुमारी और गणेश का विवाह कराया गया. इसके बाद लड़की को गणेश के घर ले जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया गया. गणेश के माता-पिता ने इस शादी का विरोध किया, लेकिन लोगों ने लड़की को जबरन गणेश के घर में प्रवेश कराया. 

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इस मामले को लेकर गणेश के पिता रवनीश कुमार ने इस शादी के विरोध में थाने में मामला दर्ज कराया. वहीं दुल्हन बनी पूजा का कहना है कि वह गणेश के साथ पिछले 5 वर्षों से रिलेशनशिप में हैं. उसने जब गणेश के सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो वह शादी की बात टाल रहा था. जिसके बाद निराश हो कर पूजा ने यह कदम उठाया गया है. फिलहाल, पुलिस दोनों परिवार के सदस्यों से बात कर रही है और न्याय संगत कानूनी करवाई किए जाने की बात कह रही है.

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बता दें कि बिहार में पकड़ौआ विवाह का चलन 1980 के बाद शुरू हुआ था. 1990 के दशक आते-आते इसमें बड़ी बढ़ोतरी हुई. 2023 के नवंबर महीने में ही पकड़ौआ विवाह या जबरन बंदूक की नोक पर हुई शादी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पटना हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा कि जबरदस्ती सिंदूर लगाना या दवाब में लगवाना, हिंदू मैरिज एक्ट के तहत विवाह नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक दोनों की इच्छा न हो और दूल्हा और दुल्हन सात फेरे नहीं ले लेते, तब तक इसे विवाह नहीं माना जाएगा.

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