Bokaro: केंद्र सरकार की उड्डयन पॉलिसी के जरिए छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ने के लिए तैयारी शुरू की जा चुकी है. झारखंड में पांच एयरपोर्ट का निर्माण किया जाना है.
Trending Photos
Bokaro: केंद्र सरकार की उड्डयन पॉलिसी के जरिए छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ने के लिए तैयारी शुरू की जा चुकी है. झारखंड में पांच एयरपोर्ट का निर्माण किया जाना है. जिसमें रांची में एयपोर्ट पहले से ही है और हाल ही में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी के जरिए देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया है. इसके अलावा अभी 3 एयरपोर्ट का निर्माण होना बाकी है. जिसमें से बोकारो एयरपोर्ट भी लगभग पूरी तरह बनकर तैयार है. हालांकि कुछ तकनिकी खामियों के कारण रुका हुआ है.
पेड़ों की कटाई की जानी है
दरअसल, 12 जुलाई को देश के प्रधानमंत्री के द्वारा देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया. इसके बाद बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान भरने के लिए तैयारी की जा रही है. हालांकि कुछ खामियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. बोकारो एयरपोर्ट को पूरी तरह से तैयार करने के लिए रास्ते में आने वाले पेड़ों की कटाई की जानी है. पेड़ों की कटाई के लिए जिला प्रशासन को एयरपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा जानकारी दी गई.
लाइसेंस के बाद होगी उड़ान की तैयारी
इसके अलावा DGCA यानी डायरेक्ट जनरल ऑफ सिविल एविएशन का भी दौरा किया जाना है. बोकारो स्टील प्लांट को सारे डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने हैं जिसके बाद DGCA का बोकारो एयरपोर्ट पर दौरा किया जाएगा. उसके बाद ही लाइसेंस निर्गत किया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो लाइसेंस निर्गत होने के बाद यहां से उड़ान भरने की तैयारी की जाएगी. इस साल के अंत तक लोग बोकारो से हवाई सफर का आनंद ले सकेंगे.
बाउंड्री वॉल के किनारे स्लम एरिया
जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल के किनारे स्लम एरिया पड़ता है. साथ ही दुंदीबाग की कुछ दुकानें हैं जहां पर बूचड़खाना होने से पंछियों का अड्डा है जिसे दूर किया जाना है. एविएशन अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द ही सारी चीजों को दूर किया जाएगा. बोकारो स्टील प्लांट के प्रबंधन के द्वारा डॉक्यूमेंट भेजे गए. वहीं, पेड़ की कटाई का काम भी 1 महीने में पूरा किया जाना है.
छोटे-बड़े उद्योग बोकारो में मौजूद
एशिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील प्लांट बोकारो स्टील प्लांट जो आने वाले समय में 15 मिलियन टन का होने जा रहा है. वर्तमान में यह 5 मिलियन टन का है साथ ही ईसीएल वेदांता डेढ़ मिलियन टट से 3 मिलियन टन होने जा रहा है. बोकारो में स्टील हब का कोरिडोर बनने जा रहा है जो कि दिल्ली से लेकर कोलकाता सहित अनेक बड़े शहरों को जोड़ेगा. साथ ही डालमिया सीमेंट सहित कई छोटे-बड़े उद्योग बोकारो में मौजूद है,जहां ओएनजीसी सहित कई उद्योग बोकारो में है. ऐसे में बोकारो एक औद्योगिक नगरी बन रहा है.
लोगों को मिलेगा रोजगार
यहां इंडियन ऑयल के डिपो सहित हिंदुस्तान पैट्रोलियम के डिपो भी मौजूद हैं. साथ ही बियर का बॉटलिंग प्लांट भी यहां मौजूद है. ऐसे में आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो झारखंड का एक महत्वपूर्ण शहर बोकारो आता है. जो झारखंड का सेंटर पॉइंट माना जाता है. जहां से जमशेदपुर, धनबाद, रांची या फिर झारखंड के अन्य शहरों की आवाजाही यहां से बहुत ही आसान है. हवाई सेवा इस शहर से शुरू होने के बाद आने वाले समय में यहां उद्योगों और रोजगार के कई नए रास्ते खुल जाएंगे. बोकारो स्टील प्लांट के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदू प्रकाश कहा कि उद्योग लगने से क्षेत्र का विकास होता है. उन्होंने कहा कि उद्योग तभी लगते हैं जब शहर का कनेक्टिविटी हो.
ये भी पढ़िये: लापता बच्चे का मिला शव, पक्षियों के द्वारा खाया गया शरीर