Jharkhand News: शीला देवी ने अपने बयान में बताया कि 11 मई 2024 को शिशुपाल राउत के सहयोगी चिंटू हरि और उसके तीन-चार साथियों ने मिलकर विपिन यादव को पीटा और स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठाकर शिशुपाल राउत के घर ले गए. वहां उसे कमरे में बंद कर दिया गया और उसके साथ मारपीट की गई. जब विपिन ने पानी मांगा तो उसे जबरन पेशाब पिलाया गया.
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दुमका : झारखंड में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, दुमका जिले में कुछ लोगों ने एक युवक को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा और जब उसने प्यास लगने पर पानी मांगा, तो आरोपियों ने उसे जबरन पेशाब पिलाया. इस घटना में 35 वर्षीय विपिन यादव को निशाना बनाया गया. विपिन यादव का अपहरण कर उसे घर में बंद करके मारा-पीटा गया. पीड़ित विपिन यादव की पत्नी शीला देवी के बयान पर पुलिस ने जमीन कारोबारी जयपाल राउत, उनके भाई ठेकू राउत, चिंटू हरि, मंटू ओझा, संजय चालक, आदित्य चौरसिया और आनंद प्रकाश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
शीला देवी ने अपने बयान में बताया कि 11 मई 2024 को शिशुपाल राउत के सहयोगी चिंटू हरि और उसके तीन-चार साथियों ने मिलकर विपिन यादव को पीटा और स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठाकर शिशुपाल राउत के घर ले गए. वहां उसे कमरे में बंद कर दिया गया और उसके साथ मारपीट की गई. जब विपिन ने पानी मांगा तो उसे जबरन पेशाब पिलाया गया. इसके बाद लोहे के रॉड से उसके सिर पर वार किया गया. इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें यह कहते हुए सुना जा सकता था कि "जिस तरह से ललन झा को काटा था, उसी तरह तुम्हें भी काटेंगे. शीला देवी ने आरोप लगाया कि ठेकू राउत उर्फ शंभू राउत ने अपने हथियार (बंदूक) को विपिन यादव की कमर में लगाकर उसे मुफस्सिल थाना को सौंप दिया.
मुफस्सिल थाना की पुलिस ने मामले की गहन जांच की और बाद में विपिन यादव को 48 घंटे के अंदर बांड भरवाकर छोड़ दिया. पुलिस ने कहा कि मामले की पूरी तफ्तीश के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी. एक सप्ताह बाद पीड़ित की पत्नी ने नगर थाना में आवेदन देकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. घटना के दिन 11 मई को जमीन कारोबारी शिशुपाल राउत ने आरोप लगाया कि विपिन यादव देर रात को उसके घर में पिस्टल लेकर घुस आया और रंगदारी मांगने लगा. विपिन को पिस्तौल के साथ पकड़कर पीटा गया और फिर रात में ही पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
इसके अलावा बता दें कि जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि विपिन के पास से जो पिस्टल बरामद हुई थी और वह खाली थी उसमें एक भी कारतूस नहीं था. पुलिस को जांच में पता चला कि विपिन पहले शिशुपाल राउत के यहां काम करता था. पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था और विपिन ने काम छोड़ दिया था. परिजनों ने आरोप लगाया कि विपिन को साजिश के तहत फंसाया गया था. इसके अलावा जमीन कारोबारी जयपाल राउत उर्फ शिशुपाल राउत, उनके भाई ठेकू राउत उर्फ शंभू राउत, चिंटू हरि समेत सात आरोपियों को भाजपा नेता सह समाजसेवी भागवत राउत की हत्या के आरोप में 2023 में दुमका की अदालत से उम्र कैद की सजा मिली है. एक आरोपी को छोड़कर बाकी सभी लोग जमानत पर हैं. यह घटना झारखंड में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति को दर्शाती है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है. विपिन यादव और उसके परिवार को न्याय की प्रतीक्षा है.