Bihar News: लंगूर की मौत के बाद ग्रामीणों ने किया अंतिम संस्कार, ढोल नगाड़ों के साथ दी विदाई
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Bihar News: लंगूर की मौत के बाद ग्रामीणों ने किया अंतिम संस्कार, ढोल नगाड़ों के साथ दी विदाई

नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड के अंतर्गत फुलडीह गांव में जानवरों के प्रति संवेदना और मानवता की एक दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली है. यहां पर एक लंगूर की मौत के बाद आसपास के लोगों ने उसे हनुमान का रूप मानकर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया. 

फाइल फोटो

Nawada: बिहार के नवादा से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां पर एक लंगूर की मौत के बाद लोगों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उसका पूरे रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया. जिसके बाद से लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. 

रीती रिवाज के साथ लंगूर का किया अंतिम संस्कार
दरअसल, नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड के अंतर्गत फुलडीह गांव में जानवरों के प्रति संवेदना और मानवता की एक दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली है. यहां पर एक लंगूर की मौत के बाद आसपास के लोगों ने उसे हनुमान का रूप मानकर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया. इस दौरान ग्रामीणों ने सारे रीति रिवाज निभाए जो एक इंसान की अंतिम विदाई के समय किए जाते हैं. ग्रामीण सह पंचायत समिति सदस्य ताजेन्द्र कुमार उर्फ तेजो साव ने बताया कि गुरुवार को गांव में ही ताड़ के पेड़ से लंगूर गिर गए था. जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. हालांकि उसके बाद उसका इलाज भी कराया गया.  इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मौत के बाद ग्रामीणों के द्वारा ढोल बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकालकर रीति रिवाज के साथ शव का संस्कार किया गया. 

3 दिसंबर को सामूहिक भोज का आयोजन
ग्रामीण ने बताया कि मनुष्य हो या जीव-जंतु या पेड़-पौधे सभी प्रकृति के धरोहर हैं.  उन्होंने कहा कि सभी का सम्मान करना चाहिए. ग्रामीणों ने लंगूर का विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार कर लोगों को एक संदेश देने का काम किया है, ताकि लोगों में पशु-पक्षियों के प्रति भी स्नेह और प्यार बना रहे. 3 दिसम्बर को ग्रामीणों के सहयोग से खीर-पूड़ी का सामूहिक भोज का भी आयोजन किया जाएगा. ग्रामीणों के इस काम की पूरे प्रखण्ड में चर्चा की जा रही है. 

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