जीतनराम मांझी के बागी तेवर, कहा- 'पार्टी अकेले 20 सीटों पर लड़ेगी चुनाव'
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar498919

जीतनराम मांझी के बागी तेवर, कहा- 'पार्टी अकेले 20 सीटों पर लड़ेगी चुनाव'

जीतनराम मांझी ने महागठबंधन में आरजेडी के बाद सबसे अधिक सीट की मांग की है.

जीतनराम मांझी ने महागठबंधन में बागी तेवर दिखा दिए हैं. (फाइल फोटो)

पटनाः महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सहयोगी दल अब आपस में ही भिड़ रहे हैं. वहीं, सभी दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं. कांग्रेस जहां आरजेडी के साथ बराबरी की सीट के दावे कर रही है. वहीं, अब हम पार्टी ने भी अपनी दावेदारी कर दी है. साथ ही अलग रूख अख्तियार करने की धमकी भी दी है.

सीट शेयरिंग को लेकर जीतनराम मांझी की बेचैनी काफी बढ़ गई है. उन्होंने पहले ही दावा किया था कि उनकी पार्टी बिहार में आरजेडी के बाद सबसे अधिक सीटों का दावेदार है. अब जीतनराम मांझी ने फिर से दावा किया है. उन्होंने कहा है कि आरजेडी छोड़ सभी पार्टियों से उन्हें अधिक सीट चाहिए. साथ ही कहा कि उन्हें अगर सीट नहीं मिली तो उनकी पार्टी अकेले 20 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है.

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने महागटबंधन को अल्टीमेंटम दे दिया हैय अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ बैठक के बाद मांझी ने ऐलान कर दिया है कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो फिर उनकी पार्टी अकेले बिहार के 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

यह भी पढ़ें- बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जीतनराम मांझी की बढ़ रही है बेचैनी!

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को कांग्रेस से अधिक सीटें चाहिए. बिहार में कांग्रेस और आरएलएसपी से ज्यादा उनकी पार्टी मजबूत है. माझी का कहना था की बैठक में शामिल जिलाध्यक्षों ने प्रस्ताव पास कर कहा कि 20 सीटों पर चुनाव आयोग ने भी हमारी पार्टी को टेलीफोन चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है तो हम उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

मांझी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस का कोई आधार नहीं है. सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो हम फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. 18 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आखिरी फैसला लिया जाएगा.

बहरहाल, जीतनराम मांझी जो बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ महागठबंधन में सभी को एकजुट करने की कवायद कर रहे थे. अब उन्होंने बागी तेवर दिखा दिए हैं. कांग्रेस को अनदेखा नहीं करने की सलाह देने वाले मांझी ने अब कांग्रेस के खिलाफ हो गए हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है. अब देखना यह है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर क्या फैसला लिया जाता है.