हेमंत सरकार ने किया एक हजार कृषि उपकरण बैंक खोलने का फैसला, बेहद कम किराये पर मिलेगी खेती की मशीनें
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1024885

हेमंत सरकार ने किया एक हजार कृषि उपकरण बैंक खोलने का फैसला, बेहद कम किराये पर मिलेगी खेती की मशीनें

झारखंड के किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने एक हजार कृषि उपकरण बैंक खोलने की योजना बनायी है. जरूरतमंद किसान इन बैंकों से मामूली किराये पर खेती के उपकरण ले सकेंगे. इस पूरी योजना पर 250 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

हेमंत सरकार ने किया एक हजार कृषि उपकरण बैंक खोलने का फैसला, बेहद कम किराये पर मिलेगी खेती की मशीनें

Ranchi: झारखंड के किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने एक हजार कृषि उपकरण बैंक खोलने की योजना बनायी है. जरूरतमंद किसान इन बैंकों से मामूली किराये पर खेती के उपकरण ले सकेंगे. इस पूरी योजना पर 250 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इस योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है. 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कृषि उपकरण बैंकों के संचालन का जिम्मा प्रखंडों और अंचलों में कार्यरत कृषि सहकारी समितियों को दिया जायेगा. इसके लिए उन समितियों को चिन्हित कर लिया गया है, जिन्होंने विगत वर्षों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. राज्य में लगभग साढ़े चार हजार कृषि सहकारी समितियां हैं, जिनमें से चुनिंदा 100 इस योजना से लाभान्वित होंगी. प्रत्येक उपकरण बैंक पर औसतन 25 लाख रुपये की लागत आयेगी. 

ये भी पढ़ें- छठ गीतों से गूंजी झारखंड की जेल, 80 से ज्यादा कैदी कर रहे हैं व्रत

इन बैंकों में ट्रैक्टर, सिंचाई पंप, फसलों की कटाई की मशीन सहित तमाम तरह के आधुनिक उपकरण रखे जायेंगे, जिनकी मदद से खेती का काम सुगम हो सके. इस योजना का फोकस उन छोटे किसानों और जोतदारों पर हैं, जो आधुनिक उपकरण खरीदने या फिर इनके लिए बाजार दर पर किराया चुकाने की स्थिति में नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- पद्मश्री छुटनी देवी की कहानी: जब डायन-भूतनी होने का लगा था आरोप, पुराने दिनों को याद कर खड़े हो जाते हैं रोंगटे

बताया गया कि इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम से ऋण लेगी. ऋण की 75 फीसदी राशि कम ब्याज दर पर प्राप्त होगी, जबकि इसपर 25 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होगा. ऋण की यह राशि अगले पांच वर्षों में चुकायी जायेगी. विभाग इससे जुड़ा प्रस्ताव जल्द ही राष्ट्रीय सहकारिता विभाग एनसीडीसी को भेजने वाला है.

(इनपुट- आईएएनएस)

 

Trending news