साल 2019 में सरकार की पहल से कॉलेज में विद्यार्थियों का नामांकन हुआ लेकिन उसके बाद नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है. हालांकि, वर्ष 2019 में नामांकन लेने वाले छात्रों का कहना है कि इनको भी मान्यता नहीं मिल पाई है.
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Palamu: पलामू में मेदिनीनगर शहर के पोखराहा में बने मेडिकल कॉलेज में दो साल से विद्यार्थियों का नामांकन नहीं हुआ है, इससे कई छात्र-छात्राओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है. जानकारी के अनुसार, कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, ऐसे में एनएमसी (National Medical Commission) की तरफ से इसे मान्यता नहीं मिल पा रही है.
कॉलेज में सीटें खाली
दरअसल, जब पलामू मेडिकल कॉलेज का निर्माण हुआ था तब मेडिकल के विद्यार्थियों को लगा था कि अब वे अपनी पढ़ाई आसानी से कर सकेंगे. लेकिन उनका सपना महज सपना बन कर ही रह गया है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज में कुल 100 सीट है लेकिन नामांकन नहीं होने की वजह से ये सारी सीटें खाली ही हैं.
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NMC से नहीं मिली मान्यता
मेडिकल कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से एनएमसी (NMC) की तरफ से कॉलेज को मान्यता नहीं मिल पा रही है. इसी की वजह से कॉलेज में छात्र-छात्राओं का नामांकन भी नहीं हो पा रहा है.
2019 में हुआ था नामांकन
साल 2019 में सरकार की पहल से कॉलेज में विद्यार्थियों का नामांकन हुआ लेकिन उसके बाद नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है. हालांकि, वर्ष 2019 में नामांकन लेने वाले छात्रों का कहना है कि इनको भी मान्यता नहीं मिल पाई है.
कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की कमी
पलामू मेडिकल कॉलेज में लैब नहीं है सिर्फ लैब का कमरा बनकर तैयार है, इसकी वजह से विद्यार्थी प्रेक्टिकल नहीं कर पाते हैं. इतना ही नहीं, कॉलेज में शिक्षकों की भी कमी है. इसकी वजह से विद्यार्थियों की सही तरीके से पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
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शिक्षक भी चिंतित हैं
शिक्षकों का भी कहना है कि कॉलेज में नामांकन ना होने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. इनका कहना है कि सबसे पहले मेडिकल कॉलेज में मूलभूत कमियों को दूर करने की आवश्यकता है. तभी एनएमसी (NMC)की तरफ से मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिल सकेगी, उसके बाद ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है.
(इनपुट-अमित)