रांची हिंसा की एनआईए जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर
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रांची हिंसा की एनआईए जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर

Ranchi Violence: इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जन भर पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

रांची हिंसा की एनआईए जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर

रांची: Ranchi Violence: झारखंड उच्च न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर कर रांची में हाल ही में हुई हिंसा की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने का अनुरोध किया गया. इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जन भर पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

क्यों हुआ विवाद
दो निलंबित भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर रांची में शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया था. हिंसा के बाद प्रशासन को शहर के कुछ हिस्सों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी थी और इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया था.

पांच लोगों को किया गया गिरफ्तार
जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने एनआईए से जांच का अनुरोध करते हुए दावा किया है कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से लोग हिंसा भड़काने के लिए रांची आए थे. बता दें कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है. इस मामले में पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें मोहम्मद आरिफ, बिलाल अंसारी, मोहम्मद अशफाक,मोहम्मद अनीस और मोहम्मद दानिश खान का नाम शामिल है. 

वहीं अस्पताल में इलाजरत नामजद अभियुक्त के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है. इलाजरत शाहनवाज, मोहम्मद उस्मान ,मोहम्मद तबारक, अफसर आलम, सरफराज आलम, समीर अंसारी नामजद अभियुक्त हैं.

उपद्रवियों ने पुलिस पर की थी पत्थरबाजी
10 जून को रांची में हुई हिंसा के मामले में 22 उपद्रवियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 8 से 10 हजार अज्ञात लोगों के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया है. एफआईआर में उपद्रवियों पर 80 राउंड फायरिंग करने के साथ तोड़-फोड़ करने का भी आरोप है. पुलिसकर्मियों पर निशाना साधकर फायरिंग और मंदिरों में तोड़-फोड़ का भी एफआईआर में जिक्र किया गया है. उपद्रवियों द्वारा पथराव कर पुलिसकर्मियों को घायल करने की बात भी एफआईआर में डाली गई है.

इधर, मामले को लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सोमवार को कहा, 'ये शहर जंग का मैदान नहीं, आवेश में तैश में अक्सर गलतियां होती हैं. इस लिए मौजूदा हालत को समझते हुए और वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रख कर हमें हर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है.'

उन्होंने कहा, 'हम पहले भी इस बात को कह चुके हैं कि देश अजीबोगरीब परिस्थिति से गुजर रहा है. इसमें बहुत संभलकर और बहुत सूझबूझ के साथ इस समय को पार करने की अवश्यकता है.'

वहीं, रांची में आपराधिक वारदातों को लेकर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा सहित राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को राजभवन में तलब किया. राज्यपाल ने डीजीपी को पूछा कि रांची में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर पुलिस के पास क्या इंटेलिजेंस इनपुट थे और इसके आधार पर उन्होंने प्रिवेंटिव एक्शन क्यों नहीं लिया? 

राज्यपाल ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि रांची में शुक्रवार को सड़कों पर हिंसा-उपद्रव करनेवालों लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरों और नाम-पते के साथ शहर के प्रमुख स्थान पर होर्डिंग्स लगवायें, ताकि आम नागरिक इनके बारे में पुलिस को सूचना दे सकें.

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