Kaimur News: डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आम बात हो गई हैं. यहां अक्सर डॉक्टरों पर हमला हो जाता है. डॉक्टर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं.
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Kaimur News: बिहार के कैमूर जिले के सदर अस्पताल भभुआ में उस वक्त हंगामा मच गया जब इलाज के दौरान एक मरीज की जान चली गई. अस्पताल में मरीज की मौत से तीमारदार काफी गुस्सा हो गए और उन्होंने बवाल काट दिया. मृतक मरीज के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. जिसपर कैमूर जिलाधिकारी सावन कुमार तुरंत दलबल के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने बवाल काट रहे 3 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को देखते ही बाकी लोग भाग खड़े हुए. वहीं भभुआ पुलिस अब 20 लोगों पर FIR दर्ज करके आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है. इस घटना के बाद जिले भर के डॉक्टरों ने पुलिस अधिकारियों से सदर अस्पताल में एक पुलिस चौकी खोलने की मांग की है.
डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आम बात हो गई हैं. यहां अक्सर डॉक्टरों पर हमला हो जाता है. डॉक्टर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. हालांकि सदर अस्पताल भभुआ में सुरक्षा गार्ड की तैनाती है, लेकिन ऐसी घटनाओं के वक्त वह दर्शक बनकर रह जाते हैं. सीनियर डॉक्टरों ने पुलिस अधिकारियों से इस समस्या को गंभीरता से लेने की अपील की है. आईएमए जिला अध्यक्ष डॉ दिनेशवर सिंह ने कहा कि डॉ कमलेश के ऊपर 20 से 25 लोगों ने जानलेवा हमला बोल दिया था. अस्पताल की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया है. जिलाधिकारी के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने समय पर पहुंचकर डॉक्टरों की जान बचाई. उन्होंने कहा कि जो गिरफ्तार हुए हैं उनके ऊपर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई हो. हमारी दूसरी मांग है कि हमारे अनुमंडल और जिला अस्पताल में सरकार के तरफ से पुलिस चौकी की व्यवस्था कराई जाए, जिससे कि डॉक्टर निर्भीक होकर काम कर सकें.
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घटना को लेकर डॉ विनोद कुमार सिंह और डॉ रवि रंजन प्रकाश ने बताया कि जो चिकित्सक इमरजेंसी में ड्यूटी मे थे, उनके ऊपर पब्लिक ने जानलेवा हमला हुआ है. हमलावर अपने साथ एक पेशेंट को लेकर आए थे. वह पहले से ही गंभीर अवस्था में था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मृतक का लीवर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था. लंग्स में भी परेशानी थी और उनको क्रॉनिक समस्याएं थीं. फिर भी डॉक्टर साहब ने प्राथमिक उपचार करते हुए जो भी सुविधा उपलब्ध थी, उसके मुताबिक इलाज किया. लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका. जिससे भीड़ ने उग्र होकर हमला कर दिया था.
रिपोर्ट- मुकुल जायसवाल