Katihar Crime News: ठगों की तरफ से भेजी गई एपीके फाइल को डाउनलोड करने पर वे मोबाइल को पहले हैक कर लेते हैं. इससे ठग मोबाइल का पूरा एक्सेस पा जाते हैं और सभी निजी जानकारियां जैसे बैंक डिटेल्स, ओटीपी आदि को चुरा लेते हैं. अब तक साइबर थाना में इसको लेकर आठ मामले दर्ज किए गए हैं.
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Katihar Cyber Fraud: कटिहार में साइबर ठग हर दिन ठगी के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. हाल ही में एपीके फाइल के जरिए शादी का निमंत्रण देना और कस्टमर केयर नंबर गूगल से सर्च कर निकालने के बाद एपीके एप्लीकेशन व्हाट्सएप पर भेजकर ठग फ्रॉड कर रहे हैं. कटिहार में पिछले 10 दिनों के अंदर नगर सहित बरारी, सेमापुर, मनिहारी आदि इलाकों में आठ लोगों से 11 लाख से अधिक रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. जबकि पिछले शनिवार को दिन के 12 बजे सेमापुर के कपड़ा व्यवसायी से 89000 की ठगी हुई. दो दिन पूर्व अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर शादी का निमंत्रण कार्ड का एपीके फाइल भेजकर कटिहार नगर क्षेत्र के युवक से 2 लाख रुपए की ठगी कर ली गई है.
साइबर थाना के थानाध्यक्ष सह डीएसपी का कहना है कि हर दिन एपीके फाइल भेज कर ठगों के द्वारा कटिहार में सिर्फ चार से पांच लोगों को शिकार बनाया जा रहा है. अब तक साइबर थाना में इसको लेकर आठ मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा अन्य मामले ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है.
डीएसपी ने बताया कि शादी का निमंत्रण कार्ड नामक एपीके फाइल अनजान नंबर से भेजी जाती है. पढ़ें लिखे लोग उत्साहित होकर निमंत्रण कार्ड जैसे खोलते हैं उनका मोबाइल हैक हो जाता है. इसके बाद ठग मोबाइल से डाटा चोरी करते हैं और मोबाइल से कनेक्ट बैंक खाते से रुपए गायब कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि शादी विवाह के लग्न में ऑनलाइन कार्ड भेजने का रिवाज शुरू हो गया है. ठग इसी का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं.
ध्यान दें कि ठगों की तरफ से भेजी गई एपीके फाइल को डाउनलोड करने पर वे मोबाइल को पहले हैक कर लेते हैं. इससे ठग मोबाइल का पूरा एक्सेस पा जाते हैं और सभी निजी जानकारियां जैसे बैंक डिटेल्स, ओटीपी आदि को चुरा लेते हैं. मोबाइल हैक करने के बाद सबसे पहले ठग व्हाट्सएप को भी हैक करते हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि एक बार व्हाट्सएप हैक हो जाने पर, आपके द्वारा जुड़े सभी ग्रुप्स में यह फाइल भेजी जाती है, जिससे एक चेन बनती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों के फोन को निशाना बनाया जाता है.
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एपीके फाइल डाउनलोड करने के बाद, जालसाज फोन के कैमरा, माइक्रोफोन, जीपीएस, मैसेज और ओटीपी तक पहुंच जाते हैं. इससे मोबाइल फोन की सारी जानकारी और ओटीपी ठगों के पास पहुंचने लगती है और यूजर को इसकी भनक भी नहीं लगती कि उनकी जानकारी किसी और के पास जा रही है.
रिपोर्ट: रंजन कुमार
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