बिहार में 100 में 7 आदमी ऐसे हैं जिनके पास जमीन ही नहीं, खेती करेंगे कैसे? PK का पावरफुल सवाल
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बिहार में 100 में 7 आदमी ऐसे हैं जिनके पास जमीन ही नहीं, खेती करेंगे कैसे? PK का पावरफुल सवाल

Prashant Kishor News:  प्रशांत किशोर कटिहार में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में 100 लोगों में 7 ऐसे हैं जिनके पास जमीन नहीं है. पीके सवाल भरे लहजे में पूछा कि वह खेती कैसे करेगा?

प्रशांत किशोर

Bihar News: आगामी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके प्रशांत किशोर पूरी तरह से अपने विरोधियों पर अटैक कर रहे हैं. वह एक-एक मुद्दें पर राज्य सरकार को घेर रहे हैं. पीके प्रदेश का दौरा भी कर रहे हैं. प्रशांत किशोर सरकार से सवाल भी पूछ रहे हैं. इस दौरान वह कुछ ऐसे मुद्दों को उठा देते हैं, जो राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन जाता है. अब उन्होंने बिहार में जमीन का उठाया और सवाल पूछा?

दरअसल, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कटिहार के बरारी प्रखंड के कावर कोठी मैदान में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद कटिहार नगर भवन पहुंचे. जहां उन्होंने जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां भूमि सुधार के लिए 75 साल में कोई प्रयास नहीं किया गया. पूरे देश में 100 में 38 आदमी ऐसे हैं जिनके पास जमीन नहीं है. वहीं, बिहार में 100 में 7 आदमी ऐसे हैं जिसके पास जमीन ही नहीं है, खेती करेंगे कैसे? यहां के लोग खेती खाने के लिए करते हैं. कमाने के लिए प्रदेश पलायन कर जाते हैं.

उन्होंने बिहार के शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ नई शिक्षा नीति पर लोगों को संबोधित किया. पीके ने कहा कि यहां के सरकार में आने वाले लोग बिहार में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा करते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में 23 लाख लोग सरकारी नौकरी करते हैं. जहां की आबादी 13 करोड़ है लगभग 1.97 प्रतिशत लोग ही नौकरी में हैं.            

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में नई शिक्षा व्यवस्था को बनाने की जरूरत है. जब तक सरकारी शिक्षा नहीं सुधरता है तब तक गरीबों के बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया जाना चाहिए और उसका पैसा सरकार को देने चाहिए.

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उन्होंने कहा कि बिहार में बच्चों के पढ़ाई के नाम पर हर साल 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है, जिसमें 50 बच्चे भी नहीं पढ़ पा रहे हैं, इसलिए हम लोग वह व्यवस्था बनाना चाहते हैं, जिसका एक तिहाई कम से कम 15 हजार करोड़ नई शिक्षा व्यवस्था को बनाने में लगाई जाए.

रिपोर्ट: रंजन कुमार

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