One Nation One Election: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने मोदी सरकार के वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी सहमति तो दे दी है पर एक कंडीशन लगा दी है. नीतीश कुमार की पार्टी का कहना है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ तो होने चाहिए पर पंचायतों और स्थानीय निकायों के चुनावों को इससे अलग रखना चाहिए.
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One Nation One Election News: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में बनी 'एक देश, एक चुनाव' पर समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. समिति ने एक देश एक चुनाव के लिए संविधान संशोधन की सिफारिश की है. कोविंद कमेटी ने सुझाव दिया है कि लोकसभा और विधानसभा इलेक्शन एक साथ होना चाहिए. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पूरा होने के बाद 100 दिन के भीतर नगर पालिका और पंचायत इलेक्शन कराए जाने चाहिए. हालांकि, इस पर सीएम नीतीश कुमार बीजेपी के साथ हैं.
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों संसद में ऐलान किया था कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों और सुधारों का होगा. पीएम मोदी जिन बड़े सुधारों का जिक्र कर रहे थे, उनमें वन नेशन वन इलेक्शन भी हो सकता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी सहमति तो दे दी थी, लेकिन टर्म और कंडीशन भी लगा दी थी. जेडीयू ने कहा था कि पूरे देश में वन नेशन और वन इलेक्शन पर उनकी सहमति है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दिए सुझाव में कहा था कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होना चाहिए, लेकिन स्थानीय निकाय और नगर पालिकाओं के अलावा पंचायतों के चुनाव को इससे अलग रखना चाहिए. जनता दल यूनाइटेड का कहना था कि स्थानीय निकाय चुनाव विधानसभा और लोकसभा चुनाव के साथ नहीं होना चाहिए. जेडीयू लोकसभा और विधानसभा का चुनाव साथ कराने के लिए राजी है पर स्थानीय निकाय और पंचायतों के चुनाव को इससे अलग रखना चाहिए.
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बता दें कि मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में पूरे देश में एक चुनाव कराने को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति गठित किया था. इस समिति ने सभी स्टेक होल्डर्स से बात कर सुझाव एकत्र किया और उनकी आपत्तियों के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी है. जेडीयू महासचिव संजय कुमार झा ने राजीव रंजन सिंह ने समिति को ज्ञापन सौंपा था और कहा था कि सुशासन की संरचना को मजबूत करने के लिए पूरे देश में एक साथ चुनाव कराया जाना चाहिए. जेडीयू ने अपने ज्ञापन में यह भी था कि बार-बार चुनाव होने से देश का वित्तीय बोझ कम हो.