Jharkhand ED Raid: 'टीवी के जरिए ही पता चला...', कैशकांड से मंत्री आलमगीर आलम ने पल्ला झाड़ा
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Jharkhand ED Raid: 'टीवी के जरिए ही पता चला...', कैशकांड से मंत्री आलमगीर आलम ने पल्ला झाड़ा

Minister Alamgir Alam: मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संजीव लाल एक सरकारी मुलाजिम हैं और हमारे पीएस हैं. हम पीएस का चुनाव अनुभव के आधार पर करते हैं. जो आप देख रहे हैं, वहीं हम भी टीवी के माध्यम से देख रहे हैं.

कैशकांड से मंत्री आलमगीर आलम ने पल्ला झाड़ा

Minister Alamgir Alam: झारखंड में लोकसभा चुनाव से पहले ईडी ने सोमवार (06 मई) को एकबार फिर से छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने आज (सोमवार, 06 मई) को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के नौकर के घर से नोटों का पहाड़ बरामद हुआ. ईडी के सूत्रों के मुताबिक, आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर से ईडी को करीब 25-30 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. इस रकम को गिनने के लिए ईडी ने बैंक से नोट गिनने वाली मशीनें मंगवाई हैं. सुबह से नोटों की गिनती जारी है. उधर अब इस मामले से मंत्री आलमगीर आलम ने पूरी तरह से अपना पल्ला झाड़ लिया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें भी टीवी देखने पर इस घटना की जानकारी हुई है. 

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संजीव लाल एक सरकारी मुलाजिम हैं और हमारे पीएस हैं. हम पीएस का चुनाव अनुभव के आधार पर करते हैं. जो आप देख रहे हैं, वहीं हम भी टीवी के माध्यम से देख रहे हैं. ED का क्या निष्कर्ष आएगा, वह देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं टीवी देख रहा हूं और इसमें बताया जा रहा है कि यह परिसर सरकार द्वारा मुझे मुहैया कराए गए आधिकारिक पीएस (निजी सचिव) से संबंधित है. ईडी के सूत्रों ने कहा कि नकदी गिनने के लिए नोट गिनने वाली मशीनें लगाई गई हैं, ताकि बरामद की गई राशि कितनी है इसका पता लगाया जा सके. 

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मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह राशि 20-30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि बरामद की गई नकदी में मुख्य रूप से 500 रुपये के नोट हैं और कुछ आभूषण भी बरामद किए गए हैं. आलम (70) कांग्रेस नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. यह छापेमारी ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम के खिलाफ धनशोधन के मामले से जुड़ी है. वीरेंद्र राम को पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने पिछले साल जारी एक बयान में आरोप लगाया था, रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को निविदा आवंटित करने के बदले में उनसे रिश्वत के नाम पर अवैध कमाई की थी.

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एजेंसी ने अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. बयान में कहा गया है कि इस प्रकार अपराध से अर्जित आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 'आलीशान' जीवनशैली जीने के लिए किया जाता था. राम के खिलाफ धन शोधन का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है.

रिपोर्ट- भाषा

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