Hemant Soren: फ्लोर टेस्ट से पहले हेमंत सोरेन को बड़ा झटका, HC से नहीं मिली कोई राहत
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Hemant Soren: फ्लोर टेस्ट से पहले हेमंत सोरेन को बड़ा झटका, HC से नहीं मिली कोई राहत

Hemant Soren News: रांची हाईकोर्ट ने ED को 9 फरवरी तक को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. 

हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

Hemant Soren News: झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी जेएमएम के लिए आज यानी सोमवार (5 फरवरी) का दिन काफी अहम है. आज मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आगे विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती है. वहीं दूसरी ओर फ्लोर टेस्ट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हेमंत सोरेन की क्रिमिनल रीट पर रांची हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत से हेमंत सोरेन को आज कोई राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने ED से जवाब मांगा है. 

कोर्ट ने ED को 9 फरवरी तक को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. बता दें कि ईडी ने कथित जमीन घोटाला में 31 जनवरी की शाम को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. अपनी गिरफ्तारी को लेकर हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी के समन को नियम के विरूद्ध करार देने और पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. जिसपर 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार करते हुए हेमंत सोरेन को पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया.

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हेमंत सोरेन की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में दर्ज कराई गई थी. हेमंत सोरेन ने अपनी शिकायत में ईडी के चार अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल के अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. हेमंत सोरेन ने अपने शिकायत लिखा था कि जब मैं रांची आया तो मैंने इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और प्रिंट मीडिया में खबर देखी कि ईडी के इन सभी अधिकारियों ने मुझे और मेरी पूरी कम्युनिटी को परेशान करने के लिए और छवि खराब करने के लिए दिल्ली के झारखंड भवन और नई दिल्ली के 5 बटा 1 शांति निकेतन में सर्च ऑपरेशन चलाया है.

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उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को मुझे पता चला कि मुझे बिना नोटिस दिए उस घर में सर्च ऑपरेशन किया गया है, जबकि मैं भी उस वक्त वहां मौजूद नहीं था. मुझे 29 जनवरी और 31 जनवरी को रांची में उन अधिकारियों के सामने मौजूद रहना था. पूर्व सीएम ने कहा था कि ईडी के अधिकारी जो न तो शेड्यूल कास्ट के हैं और न ही शेड्यूल ट्राइब के उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए ये सब किया है. गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व सीएम सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें हाईकोर्ट भेज दिया था. 

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