Pushpam Priya Choudhary News: लंदन रिटर्न्स के नाम से मशहूर पुष्पम प्रिया चौधरी ने 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखा था. एक सुबह बिहार के छोटे-बड़े तमाम अखबारों के पहले पूरे पन्ने पर छपे विज्ञापन के जरिए पुष्पम प्रिया ने राजनीति में बड़ी ही धांसू एंट्री मारी थी.
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Pushpam Priya Choudhary News: बिहार को भारतीय राजनीति की प्रयोगशाला कहा जाता है. इसके बाद भी यहां हर किसी को कामयाबी मिले, ये जरूरी नहीं. इसका ताजा उदाहरण पुष्पम प्रिया चौधरी हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से फ्लॉप हुई पुष्पम प्रिया एक बार फिर से एक्टिव हो चुकी हैं. सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता से लग रहा है कि वह लोकसभा चुनाव में भी हाथ आजमा सकती हैं. उन्होंने हाल ही में भारतीय रेल का एक बड़ा ही मार्मिक वीडियो शेयर करके सरकार पर निशाना साधा है.
भारतीय रेल के जनरल कोच का वीडियो शेयर करते हुए पुष्पम प्रिया ने लिखा कि अवर्ण-सवर्ण जैसे शब्द मेरी राजनीति में नहीं हैं. बिहार में एक ही वर्ण है - ‘बिहारी’. जिस राज्य के आधे नौजवान बाहर चाकरी करने को मजबूर हों, वहां और कौन-सा वर्ण? मुझे लोग दिखते हैं, वोट-बैंक नहीं. इससे लड़ाई कठिन हो जाती है, पर यही मेरी लड़ाई है. इस नर्क में कौन-सा वर्ण है?
अवर्ण-सवर्ण जैसे शब्द मेरी राजनीति में नहीं हैं। बिहार में एक ही वर्ण है - ‘बिहारी’। जिस राज्य के आधे नौजवान बाहर चाकरी करने को मजबूर हों, वहाँ और कौन-सा वर्ण? मुझे लोग दिखते हैं, वोट-बैंक नहीं। इससे लड़ाई कठिन हो जाती है, पर यही मेरी लड़ाई है। इस नर्क में कौन-सा वर्ण है? #Bihar pic.twitter.com/JPGtlqJ4VL
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) March 11, 2024
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बता दें कि लंदन रिटर्न्स के नाम से मशहूर पुष्पम प्रिया चौधरी ने 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखा था. एक सुबह बिहार के छोटे-बड़े तमाम अखबारों के पहले पूरे पन्ने पर छपे विज्ञापन के जरिए पुष्पम प्रिया ने राजनीति में बड़ी ही धांसू एंट्री मारी थी. विदेश से दो विषयों में PG की पढ़ाई करके बिहार लौटीं पुष्पम प्रिया चौधरी ने लोगों को बिहार बदलने का सपना दिखाया था. उस चुनाव में उन्होंने काफी पसीना बहाया था. उनकी रैलियों और जनसंपर्क अभियान के दौरान काफी भीड़ उमड़ती थी.
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अपने ज्ञान, काले रंग के ड्रेस और अंदाज-अदा से वे भीड़ तो आकर्षित करती रहीं. सोशल मीडिया पर वह तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार को कड़ी टक्कर देती हुई नजर आ रही थीं, लेकिन जब रिजल्ट आया तो उनकी पार्टी का खाता तक नहीं खुला. उन्होंने जिस दमदार अंदाज में राजनीति में कदम रखा था, वैसा दमखम चुनाव परिणामों में नजर नहीं आया. 43 सीटों पर खड़े उनकी पार्टी के उम्मीदवार बुरी तरह मात खा गए. खुद पुष्पम प्रिया अपनी दोनों सीटों से चुनाव हार गई थीं. इसके बाद पुष्पम एकदम से गायब भी हो गईं.