Sisai Assembly Election 2024: सिसई में JMM और BJP के बीच सीधा मुकाबला, जनता के सामने 'विकास या बदलाव' का सवाल
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Sisai Assembly Election 2024: सिसई में JMM और BJP के बीच सीधा मुकाबला, जनता के सामने 'विकास या बदलाव' का सवाल

Sisai Assembly Election 2024: सिसई विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. यहां के मुद्दे मुख्य रूप से सामाजिक और आदिवासी अधिकारों से जुड़े होते हैं. पहले यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से BJP और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है. JMM ने पिछले चुनावों में यहां अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन BJP अभी भी एक मजबूत दावेदार मानी जाती है.

Sisai Assembly Election 2024: सिसई में JMM और BJP के बीच सीधा मुकाबला, जनता के सामने 'विकास या बदलाव' का सवाल

Sisai Assembly Election 2024: सिसई विधानसभा सीट (67 अनुसूचित जनजाति) झारखंड की एक प्रमुख राजनीतिक सीट है. यहां हर चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है, खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच. 2019 के विधानसभा चुनाव में JMM के जिग्गा सुसारन होरो ने बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने BJP के दिनेश उरांव को हराया, जो उस समय विधानसभा के अध्यक्ष थे. दिनेश उरांव को 55,151 वोट मिले थे, जबकि जिग्गा होरो को 93,591 वोटों के साथ भारी समर्थन मिला. इससे पहले यह सीट BJP का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन 2019 में बीजेपी विरोधी लहर और स्थानीय मुद्दों के चलते JMM को जीत मिली.

सिसई विधानसभा सीट पर किसकी लगेगी मुहर 
जानकारी के लिए बता दें कि सिसई विधानसभा सीट पर कुल जनसंख्या 4,34,207 है, जिसमें 2,63,129 मतदाता शामिल हैं. इसमें 1,28,563 पुरुष और 1,34,566 महिला मतदाता हैं. यह क्षेत्र मुख्य रूप से आदिवासी और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जिससे सीट का राजनीतिक महत्व और भी बढ़ जाता है. यहां के लोग अपने अधिकारों और विकास को लेकर जागरूक हैं और इसी के आधार पर वे चुनावी फैसले लेते हैं. इसके अलावा बता दें कि BJP और JMM के बीच सिसई में हमेशा से सीधा मुकाबला रहा है. कांग्रेस का पहले यहां थोड़ा प्रभाव था, लेकिन पिछले एक दशक से BJP और JMM ही प्रमुख दावेदार रहे हैं. 2019 में JMM की जीत ने BJP को बड़ा झटका दिया, क्योंकि यह सीट पहले BJP के नियंत्रण में थी. दिनेश उरांव का हारना उनके लिए एक बड़ी असफलता थी, खासकर जब वह विधानसभा के स्पीकर भी थे. कहा जाता है कि सिसई और बसिया को जोड़ने वाली सड़क न बनने से लोग नाराज थे. इसके अलावा, दिनेश उरांव का जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से सही तरीके से जुड़ाव न होना भी हार का एक बड़ा कारण बना.

क्या JMM अपना किला बचा पाएगा या BJP इस बार वापसी करेगी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2019 के चुनाव में JMM ने बड़ी बढ़त के साथ जीत हासिल की और अब 2024 के चुनावों में सवाल उठता है कि क्या JMM अपना किला बचा पाएगा या BJP इस बार वापसी करेगी. जिग्गा सुसारन होरो ने 2019 में जो विकास कार्य किए, वह इस चुनाव में भी उनके पक्ष में जा सकते हैं. वहीं BJP भी इस बार अपने पुराने गढ़ को वापस पाने के लिए पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. साथ ही सिसई विधानसभा सीट पर स्थानीय मुद्दे जैसे सड़कों का निर्माण, आदिवासी अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर हमेशा से चुनावी एजेंडे में प्रमुख रहे हैं. इस बार के चुनाव में विकास और बदलाव के मुद्दे पर मतदाताओं का रुख तय करेगा कि किसे जीत मिलेगी. BJP और JMM दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि 2024 में जनता किसे अपना नेता चुनती है.

मतदाताओं के सामने एक बड़ा सवाल, विकास या बदलाव?
बता दें कि इस बार के चुनाव में मतदाताओं के सामने एक बड़ा सवाल होगा, विकास या बदलाव?. JMM ने 2019 में जो वादे किए थे, क्या वे पूरे हुए हैं या BJP इस बार लोगों को कुछ नया देने का वादा कर रही है. चुनावी माहौल में अब यह देखना बाकी है कि क्या JMM के जिग्गा होरो अपना किला बचा पाएंगे, या BJP इस बार फिर से सिसई में अपना झंडा फहराएगी.

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