Madhepura News: मधेपुरा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज पान बुनकर समाज के लोगों ने की स्वजातीय बैठक, आरक्षण के लिए दी आंदोलन की चेतावनी
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Madhepura News: मधेपुरा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज पान बुनकर समाज के लोगों ने की स्वजातीय बैठक, आरक्षण के लिए दी आंदोलन की चेतावनी

Madhepura News: आज (23 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज बुनकर पान समाज के लोगों ने मधेपुरा में स्वजातीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने की धमकी दी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज पान बुनकर समाज ने आरक्षण के लिए दी आंदोलन की धमकी

मधेपुरा: Madhepura News: बिहार के मधेपुरा में आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज बुनकर पान समाज के लोगों ने स्वजातीय बैठक की. आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने की धमकी दी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तांती तत्मा और बुनकर समाज को आरक्षण सूची से हटाए जाने के बाद फैसले से नाराज पान बुनकर समाज के लोगों ने अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. 

इसी को लेकर आज मुरलीगंज के रजनी पंचायत स्थित मलिक हाई स्कूल के मैदान में पान चौपाल बुनकर महादलित संघ के जिला अध्यक्ष राजीव राजा की अगुवाई में कोसी सीमांचल के 7 जिले के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इन जातियों के आरक्षण हटाए जाने के फैसले के विरुद्ध अपील दायर करने एवं सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करने को लेकर विचार विमर्श किया गया. 

वहीं इस मौके पर मौजूद जिला परिषद उपाध्यक्ष रघुनंदन दास ने कहा कि तांती, ततमा, दास हम लोगों का टाइटल है. यह जाति नहीं है. हम लोग मूल रूप से पान जाति के लोग हैं और हम अनुसूचित जाति में आते हैं. लंबी लड़ाई के बाद हम लोगों को आरक्षण का अधिकार मिला है. लेकिन 9 साल के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हमसे हमारा आरक्षण छीन लिया गया है. जिसे हम लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारा समाज अभी भी पिछड़ा हुआ है. हमारे समाज में ना कोई विधायक है ना ही कोई सांसद और ना कोई आईएएस-आईपीएस है. 

मूल रूप से भूमिहीन और दैनिक मजदूरी करने वाले हम पान जातियों के लिए आरक्षण बेहद जरूरी है तो वहीं जिला अध्यक्ष राजीव राजा ने कहा आरक्षण के लिए लड़ाई आर पार की होगी. सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेंगे. विधायक और सांसद का सड़क पर निकलना मुश्किल कर देंगे. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में जो भी कुर्बानी देनी होगी, हम कुर्बानी देंगे. लेकिन अपना अधिकार लेकर ही रहेंगे.
इनपुट- शंकर कुमार 

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