बिहार में होने वाली जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण दिये जाने की मांग अभी से जोर पकड़ने लगी है. इतना ही नहीं राजनीतिक भागीदारी भी सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है.
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बगहा : बिहार में होने वाली जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण दिये जाने की मांग अभी से जोर पकड़ने लगी है. इतना ही नहीं राजनीतिक भागीदारी भी सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है. इसी कड़ी में महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण के बगहा से हुंकार भरी गई है और अखिल भारतीय गोंड़ आदिवासी संघ का प्रान्तीय सम्मेलन कर बिहार प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद के नेतृत्व में लोग एकजुट होने लगे हैं. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण पर जोर दिया जाए.
50 हजार कार्यकर्ताओं के साथ होगा विशाल रैली का आयोजन
बता दें कि बिहार में अभी 1% आरक्षण वाले गोंड़ आदिवासी समाज आगामी नवंबर में 50 हजार कार्यकर्ताओं के साथ विशाल रैली का आयोजन कर आगे का राजनीतिक निर्णय लेगा. दरअसल, इस सम्मेलन के जरिए जातिगत आरक्षण की मांग को लेकर गोंड़ आदिवासी समाज की ओर से सहमति बनी है.
जिले में गोंड़ समाज की लगभग छह लाख है आबादी
बता दें कि पश्चिम चंपारण जिला में लगभग 6 लाख आबादी वाले गोंड़ समाज में 1.80 लाख गोंड़ समुदाय के वोटर हैं, जो विधानसभा व लोकसभा चुनावों में अपनी हिस्सेदारी का दावा कर रहे हैं. यहीं वजह है कि किसी दल या पार्टी विशेष से अलग होकर समुदाय के लोगों को एकजुट कर अपनी दावेदारी पेश की जा रही है जो मिशन 2024 की ओर बढ़ता राजनीतिक कदम है. मौके पर प्रांतीय अध्यक्ष के साथ जिलाध्यक्ष, प्रखण्ड व त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव जीते जन प्रतिनिधियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया.
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