पटना से चलकर एक्सपर्टो की टीम वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहुंची है और आलाधिकारियों की टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर सांझा रणनीति तैयार किया है. वन विभाग टाइगर कैरिंग की समस्या को लेकर भी तैयारियां कर रहा है क्योंकि यहां बाघों की 50 है जो काबू में कर पाने से अधिक है.
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बगहा : बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पिछले 7 दिनों से वन विभाग और वनवर्ती क्षेत्र में लोगों के लिए चुनौती बना खतरनाक बाघ बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है. जिसे लेकर स्थानीय स्तर पर अब तक बाघ का रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. हालांकि स्थानीय स्तर पर पिछले 7 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है, लेकिन 12 तारीख की घटना के बाद से ही बाघ पर कड़ी नजर वन विभाग द्वारा बनाया गया है. वन विभाग बाघ को पकड़ने की चुनौतियों से निपटने के लिए नए सिरे से नए टीम और नई ऊर्जा के साथ बाघ के रेस्क्यू में जुटा है.
नरभक्षी बने बाघ को काबू में करने की कवायद तेज
बता दें कि पटना से चलकर एक्सपर्टो की टीम वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहुंची है और आलाधिकारियों की टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर सांझा रणनीति तैयार किया है. वन विभाग टाइगर कैरिंग की समस्या को लेकर भी तैयारियां कर रहा है क्योंकि यहां बाघों की 50 है जो काबू में कर पाने से अधिक है. लिहाजा नेशनल टाइगर कंजरवेशन से इजाजत ली जा रही है ताकि कुछ बाघों को दूसरी जगह सुरक्षित व संरक्षित किया जा सके इसके अलावा बाघों को फ्रीज होने से बचाकर उन्हें उनके अधिवास क्षेत्र में ही रखने की कोशिश जारी हैं ताकि फिर कोई और इंसान इनका निवाला न बन सकें. नरभक्षी बने बाघ को काबू में करने की कवायद तेज कर दी गई है. पटना से हरनाटांड़ पहुंची आलाधिकारियों की टीम, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने की ग्रामीणों व अधिकारियों के बाद समीक्षा, ट्रेंकुलाइजर एक्सपर्ट के साथ नए टेक्नोलॉजी के तहत ऑपरेशन टाइगर को गति दी है. 7 वे दिन भी ठिकाना बदल रहे वनराज को ट्रेंकुलाइजर नहीं किया जा सका है. महज कुछ महीने में दर्जनों लोगों पर हमला कर चुका है.
बाघ के हमले से छह लोगों की जा चुकी है जान
बता दें कि बाघ के हमले में छह लोगों की जान जा चुकी है. आदमखोर बाघ की तलाश और रेस्कयू को लेकर ग्रामीणों से सहयोग की अपील जा रही है. वनवर्ती इलाके के किसानों व ग्रामीणों में घटना से आक्रोश है. आईएएस दीपक कुमार मिश्रा की पहल पर वाइल्ड लाइफ वार्डन बिहार ने संज्ञान लिया. पकड़ में आने पर आदमखोर बाघ को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा. दरअसल नरभक्षी बने बाघ को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचे इसे लेकर हर स्तर पर तैयारी की गई है. टीम में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता के नेतृत्व में वेटनरी चिकित्सक समरेंद्र कुमार, ट्रेंकुलाइजर एक्सपर्ट शूटर नवाब शौकत अली खान के साथ इकोलॉजी डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह भी शामिल हैं. टाइगर को जल्द से जल्द रेस्क्यू कर काबू में कर लिया जाए. इसके लिए टीम में ट्रेंकुलाइजर एक्सपर्ट एन एस अली खान को शामिल किया गया है. नवाब खान कठिन परिस्थितियों में अब तक कई वन्य जीवो का ट्रेंकुलाइजर करते आए हैं. बताया जा रहा है कि इनका निशाना अचूक है. छोटे जानवर से लेकर बड़े जानवर जो खतरनाक हैं उन सभी को ट्रेंकुलाइजर कर चुके हैं. अली खान ने हाथी तक का ट्रेंकुलाइजर किया है. इसके साथ ही पटना चिड़ियाघर के बाघ एक्सपोर्ट भी इस टाईगर ऑपरेशन में शामिल हैं. बाघ को सामने लाने के लिए जंगल के किनारे एक छोटा भैस, दो बकरीयों को भी रखा गया है. ताकि बाघ पहुंचे और किसी तरह से खाने के लालच में उसका रेस्क्यू किया जा सके. हालांकि आज भी देर शाम तक बाघ बाहर के तरफ नहीं आया और ना ही दिखाई दिया है.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल में बाघों की संख्या 50 के पार
बिहार के वाइल्ड लाइफ चीफ वार्डन पी के गुप्ता ने बताया कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल मे बाघों की संख्या 50 पार कर गई है. लिहाजा पिछले कुछ महीनों से हरनाटांड़ व चिउटहा वन क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक लोगों पर हमला कर चुके बाघ ने 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. जिसके बाद वनवर्ती क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है. यहीं वजह है कि खुद एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा की पहल पर वन विभाग बेहद संजीदा है और बाघ को काबू में करने की कवायद में जुटे एक्सपर्ट टीम ने जल्द ही कामयाबी हासिल करने का दावा किया है. इसके अलावा पीड़ितों व आश्रितों को हर सम्भव मदद के साथ मुआवजा देने का भरोसा दिलाया है.
इनपुट- इमरान अजीजी