वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अंडे से 125 घड़ियाल के बच्चे बाहर निकले. इन सभी घड़ियाल के शिशुओं को गंडक नदी में छोड़ा गया. बताया जा रहा है कि इस साल मार्च में नदी के किनारे बालू के टीले पर घड़ियाल के 9 घोंसले मिले थे.
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Gharial Babies : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अंडे से 125 घड़ियाल के बच्चे बाहर निकले. इन सभी घड़ियाल के शिशुओं को गंडक नदी में छोड़ा गया. बताया जा रहा है कि इस साल मार्च में नदी के किनारे बालू के टीले पर घड़ियाल के 9 घोंसले मिले थे. वन एवं पर्यावरण विभाग बिहार सरकार और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया समेत कैलिफोर्निया लांस की देखरेख में इनमें से 125 बच्चों का जन्म हुआ. बताया जा रहा है कि इन घड़ियाल के इन 125 बच्चों को ढाई महीने पूरे होने पर गंडक नदी में छोड़ा गया है.
जानकारी के अनुसार मार्च के महीने में मादा घड़ियाल नदी के पास बालू के टीलों पर घोंसला बनाकर अंडे देती हैं. फिर 2 महीने बाद अंडे से उनके बच्चे बाहर आते हैं. बताया जाता है कि घड़ियाल के बच्चे जब अंडे से बाहर आने लगते हैं तो एक अजीब सी आवाज सुनाई देती है. वहीं, गंडक नदी में पाए जाने वाले घड़ियाल के बारे में कहा जाता है कि ये विलुप्त हो चुके डायनासोर के प्रजाति के हैं.
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बिहार सरकार और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ की कोशिश से वजह से गंडक नदी में इनकी संख्या बढ़ी है. साल 2016 में किए गए सर्वे में इनकी संख्या करीब 12 थी. वहीं, अब गंडक नदी में इनकी संख्या 500 से अधिक हो गई है. आंकड़ों के अनुसार, चंबल नदी के बाद सबसे ज्यादा घड़ियाल गंडक नदी में हैं. वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, एक घड़ियाल करीब 70 साल तक जिंदा रहता है.
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