3 जिले, 37 मौत के बाद जागी पुलिस! शराब के अवैध कारोबार पर होगा अब ये एक्शन, जानें क्या है CCA
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3 जिले, 37 मौत के बाद जागी पुलिस! शराब के अवैध कारोबार पर होगा अब ये एक्शन, जानें क्या है CCA

Patna News: पटना के सभी थाना अध्यक्षों को निर्देश दिया जाता है कि वे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के कड़े प्रावधानों के तहत इन मामलों के आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करें. पुलिस शराब के अवैध कारोबार में शामिल संदिग्धों के खिलाफ सख्त अपराध नियंत्रण अधिनियम (CCA) के तहत कार्रवाई पर विचार कर रही है.

शराब के अवैध कारोबार में शामिल लोगों पर सीसीए के तहत होगी कार्रवाई (File Photo)

Bihar News: बिहार के तीन जिलों में हाल में जहरीली शराब पीने से 30 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद पटना पुलिस शराब के अवैध कारोबार में शामिल संदिग्धों के खिलाफ सख्त अपराध नियंत्रण अधिनियम (CCA) के तहत कार्रवाई पर विचार कर रही है. बिहार में उन संदिग्धों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिन्हें राज्य के शराबबंदी कानून के उल्लंघन के सिलसिले में पहले गिरफ्तार किया गया था और वे जमानत पर बाहर हैं. पुलिस अधीक्षक (पटना-पूर्व) के कार्यालय ने 23 अक्टूबर, 2024 दिन बुधवार को एक बयान जारी कर सभी थाना अध्यक्षों को शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों पर नजर रखने का निर्देश दिया. 

बयान में कहा गया है कि जिले के सभी थाना अध्यक्षों को आरोपियों के खिलाफ निवारक कार्रवाई के रूप में सीसीए लगाने से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए. शराबबंदी कानून के उल्लंघन में शामिल सभी आरोपी, जो जमानत पर बाहर हैं, उनका सत्यापन किया जाना चाहिए. बयान में कहा गया है कि यह कदम जिले में शराब की बिक्री और निर्माण को रोकने के लिए एक निवारक उपाय के रूप में उठाया जा रहा है.

जारी बयान में कहा गया है कि सभी थाना अध्यक्षों को निर्देश दिया जाता है कि वे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के कड़े प्रावधानों के तहत इन मामलों के आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करें. अगर आरोपियों पर पीएमएलए के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाता है, तो अधिकारी उनकी चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू करें. 

एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि शराबबंदी कानूनों का उल्लंघन करने वाले आरोपियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव उन्हें एक निश्चित अवधि के लिए निवारक हिरासत में रखने के लिए है ताकि शराबबंदी कानून का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. 

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बिहार में पिछले सप्ताह सिवान, सारण और गोपालगंज जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 से अधिक लोगों की मौत के बाद पटना पुलिस की तरफ से यह कदम उठाया गया है. इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 को शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. 

इनपुट: भाषा 

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