Ahoi Mata Bhog: मां अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना हेतु ये व्रत रखती हैं. वे काफी श्रद्धा भाव से माता अहोई की पूजा करती हैं. ज्योतिष शास्त्र में अहोई अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है.
Trending Photos
पटनाः Ahoi Mata Bhog: सनातन परंपरा में अहोई एक लोकमाता के तौर पर विख्यात हैं. यह देवी संतति सुख प्रदान करने वाली और संतानों की रक्षा करने वाली हैं. इनका मूलस्वरूप कोई नहीं जानता है, लेकिन लोक मान्यता में यह देवी पार्वती और संतान लक्ष्मी का ही एक अवतार हैं. इनका पूजन करने से और आज के दिन निर्जल व्रत रखने से संतान संबंधी कष्टों से छुटकारा मिलता है. यदि किसी कारणवश आपके बच्चे आपके कहने में नहीं हैं या फिर किसी प्रकार का दुर्भाग्य उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है. आज के दिन देवी के चरणों में उनकी वंदना करते हुए निर्जल व्रत रखकर संध्या के समय उनका पूजन करने के बाद तारे को अर्घ्य देकर व्रत की समाप्ति करें. देवी की कृपा आप पर और आपकी संतान पर अवश्य होगी और इसके साथ ही सभी प्रकार के संतान संबंधी कष्ट दूर हो जाएंगे.
संतान की होती है प्राप्ति
ऐसी मान्यता है कि अहोई माता की विधि-विधान से पूजा करने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है. साथ ही उनकी संतान की ज़िन्दगी में उन्नति और, सुख-समृद्धि आती है. इसके अलावा जो संतान की कामना करने वाले दंपति हैं, उनके घर में भी खुशखबरी आती है.
संतान की रक्षा करती हैं देवी अहोई
मां अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना हेतु ये व्रत रखती हैं. वे काफी श्रद्धा भाव से माता अहोई की पूजा करती हैं. ज्योतिष शास्त्र में अहोई अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखकर विधि विधान से अहोई माता की पूजा करने से मां पार्वती अपने पुत्रों की तरह ही आपके बच्चों की रक्षा करती हैं. पुत्र प्राप्ति के लिए भी यह व्रत खास महत्व रखता है.
संतान की उन्नति के लिए करें ये उपाय
आज के दिन अहोई माता को जलेबी का भोग लगाने से संतान निरोगी व स्वस्थ जीवन जीती है. अहोई माता को दो जोड़े में फल चढ़ाएं, जिसमें की ईख और भुट्टे का प्रयोग अवश्य करें, ऐसा करने से संतान के उन्नति के रास्ते सशक्त होते हैं. संध्याकाल में अहोई माता के पूजन के पश्चात भगवान शंकर को यज्ञोपवीत चढ़ाते हुए उनका पूजन करें, ऐसा करने से संतान संस्कारी व आज्ञाकारी रहती है.
यह भी पढ़िएः Ahoi Ashtami Meaning: अहोई अष्टमी का क्या है असली अर्थ, पूजा में जरूर बरतें ये सावधानियां