Ashtami Durga Puja Vrat 2024: महिलाएं 11 अक्टूबर को खोइछा भर सकेंगी और उसी दिन कन्या पूजन भी होगा. खोइछा भरना सनातनी परंपरा में बहुत ही शुभ माना जाता है. इसे विदाई के समय दिया जाता है, जो शुभता और कल्याण का संकेत है.
Trending Photos
Ashtami Durga Puja Vrat 2024: नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास और पूजा के बाद दशमी तिथि को विजयादशमी के साथ इसका समापन होता है. इस बार महाअष्टमी को लेकर भक्तों में थोड़ी असमंजस की स्थिति है, खासकर महिलाओं के बीच मां दुर्गा की खोइछा भरने को लेकर. आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस बार नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को होगा और महाअष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रहे हैं. इससे भक्तों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है.
महाअष्टमी और नवमी की तिथियों के बारे में आचार्य मदन मोहन ने बताया कि अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को सुबह 7:38 बजे से शुरू होकर 11 अक्टूबर को सुबह 7:01 बजे समाप्त होगी. इसके तुरंत बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी. इस कारण महिलाएं 11 अक्टूबर की शाम को मां दुर्गा की खोइछा भरेंगी. आचार्य के अनुसार खोइछा भरना सनातनी परंपरा में बहुत ही शुभ माना जाता है. बता दें कि यह शुभता और कल्याण का प्रतीक होता है.
इसके अलावा खोइछा भरने के लिए महिलाएं कुछ खास सामग्री का उपयोग करती हैं. आचार्य के अनुसार इसमें अरवा चावल, हल्दी की गांठ, पांच सुपारी, श्रृंगार का सामान, दूर्वा, पैसा, मिठाई, बताशा के अलावा वस्त्र जैसी चीजें शामिल होती हैं. खोइछा भरने का यह प्रक्रिया न केवल मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा को दर्शाती है, बल्कि यह परिवार और समाज के लिए शुभता और समृद्धि का भी प्रतीक है.
महाअष्टमी के इस अवसर पर महिलाएं अपने परिवार और समाज के कल्याण की कामना करती हैं, जिससे यह परंपरा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. इस तरह, खोइछा भरने का यह कार्य न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी रखता है.
ये भी पढ़िए- किसान का बेटा बैजू पासवान बना कल्याण पदाधिकारी, पढ़ें संघर्ष और सफलता की यात्रा