Basant panchami 2023 maha Prasad: बसंत पंचमी पर ऐसे बनाएं मां सरस्वती का महाप्रसाद
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Basant panchami 2023 maha Prasad: बसंत पंचमी पर ऐसे बनाएं मां सरस्वती का महाप्रसाद

Basant Panchami Prasad 2023: बसंत पंचमी का पर्व छात्रों के लिए खास पर्व है. बिहार में छात्र विद्यार्थी खुद ही समितियां बनाकर मां सरस्वती की पूजा के वृहद आयोजन की तैयारी करते हैं. इस दौरान पूजा से लेकर प्रसाद बनाने तक की जिम्मेदारी भी उनकी ही होती है.

Basant panchami 2023 maha Prasad: बसंत पंचमी पर ऐसे बनाएं मां सरस्वती का महाप्रसाद

पटना: Basant Panchami Prasad 2023: बसंत पंचमी का पर्व छात्रों के लिए खास पर्व है. बिहार में छात्र विद्यार्थी खुद ही समितियां बनाकर मां सरस्वती की पूजा के वृहद आयोजन की तैयारी करते हैं. इस दौरान पूजा से लेकर प्रसाद बनाने तक की जिम्मेदारी भी उनकी ही होती है. अगर आपने भी प्रसाद नहीं बनाया है तो जानिए वो तरीका जिससे झटपट प्रसाद बन सकता है.

ऐसे बनाएं मां सरस्वती का प्रसाद

बिहार में मां सरस्वती की पूजा के दिन कई अलग अलग प्रकार के प्रसाद बनाए जाने की परंपरा रही है. सरस्वती पूजा के दिन छात्र यहां केसर के साथ चावल की खीर बनाते हैं. इसके अलावा त्योहार पर मालपुआ भी बनाया जाता है.

मालपुआ बनाने के लिए ये करें

 अगर आपको प्रसाद में मालपुआ बनाना है तो मैदा, चीनी, ड्राई फ्रूट्स, इलायची पाउडर सभी को एक साथ मिक्स कर घोल बनाया जाता है, फिर पुए तलकर चाशनी में डालकर निकाले जाते हैं. चाशनी में केसर डाला ही जाता है. केसर डालने की वजह से प्रसाद में पीला रंग आता है. माता को पीला भोग चढ़ाएं जाने की मान्यता है.

बनाई जाती है बेसन की बूंदी या नुक्ति

बसंत पंचमी पर सबसे खास होता है, बूंदी. इस दिन बेसन की बूंदियां भी तलकर छानी जाती हैं, और फिर इन्हें चाशनी में डूबाकर निकाला जाता है. बूंदी को माता सरस्वती का महाप्रसाद माना जाता है.

जानिए बूंदी बनाने की तरीका

बूंदी बनाने के लिए सबसे पहले बेसन छान लें. अब बेसन को एक बाउल में लेकर उसमें थोड़ा सा पानी और तेल डालकर घोल बनाएं, जिसमें गांठ न रहे. अब चाशनी के लिए एक बर्तन में चीनी और पानी डालकर गैस पर पकने के लिए रख दें. कुछ देर बाद जब चीनी पानी में घुलने लगे तो हाथ में लेकर चेक कीजिए कि चाशनी में तार बन रहा है या नहीं.

बन जाएगा बूंदी का महाप्रसाद

अब कढ़ाई में घी गर्म करें. अब एक कलछी को कढ़ाई के ऊपर रखें और बने हुए बेसन के घोल को कलछी के छेद में से कढ़ाई में डालते रहे. जब कुछ बूंदी कढ़ाई में डल जाए तो उन्हें हल्का भूरा-सुनहरा होने तक तल लें और फिर प्लेट में निकाल लें. सभी बूंदी इसी तरह तैयार कर लें. बूंदी को ठंडा होने पर उसे चाशनी में डाल दें साथ ही पिस्ते के कटे हुए टुकड़े भी डाल दें.अब आपकी बूंदी तैयार है. इसे माता के भोग के लिए रखें और प्रसाद में वितरित करें.

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