करीब एक महीने बाद जब पटना खुला तो सड़कों पर भीड़ हो गई. जिसके चलते आयकर गोलंबर पर गाड़ियों की लाइन देखी गई.
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Patna: बिहार में कोरोना के गंभीर खतरों को देखते हुए 5 मई को संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया. लॉकडाउन की सख्ती के कारण कोरोना के मामलों में गुणात्मक गिरावट आई है. जिसके बाद सरकार ने शर्तों के साथ कारोबार शुरू करने की अनुमति दी है.
हालांकि, दुकान दोपहर 2 बजे तक ही खुलेंगी. वैकल्पिक दिनों के आधार पर दुकानें खुलेंगी. आज बुधवार है लिहाजा टायर, बिजली, इलेक्ट्रिक शोरूम और सजावट के सामान वाली दुकानें सुबह-सुबह ही खुल गईं. करीब महीने भर बाद दुकान खुलने की वजह से मालिकों को दुकानों की धूल साफ करते हुए देखा गया. फ्रेजर रोड, एसपी वर्मा रोड, एग्जिबिशन रोड पर दुकानें खुल गईं. करीब एक महीने बाद जब पटना खुला तो सड़कों पर भीड़ हो गई. जिसके चलते आयकर गोलंबर पर गाड़ियों की लाइन देखी गई.
इसके साथ ही जिला प्रशासन को माइकिंग के जरिए लोगों को सचेत करते हुए देखा गया. ट्रैफिक और पटना पुलिस दोनों को गाड़ियों की जांच करते हुए देखा गया. सरकार ने करीब महीने भर बाद दुकानों को खोलने की इजाजत तो दी लेकिन बड़ा सवाल कारोबारियों को हुए नुकसान से जुड़ा है.
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एसपी वर्मा रोड पर कंप्यूटर की दुकान चलाने वाले रवि कुमार के मुताबिक, महीनेभर में ही 4 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है. अब वो बिहार सरकार से क्षतिपूर्ति चाहते हैं. दूसरे कारोबारी भी मानते हैं कि पहले लॉकडाउन के कारण व्यवसाय की कमर टूट गई थी. अब वो इससे उभरने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दूसरे लॉकडाउन ने सबकुछ खत्म कर दिया.
बता दें कि जान और जहान में जान बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता थी. लेकिन जान बचने के बाद कारोबार, व्यापार को बचाने की बड़ी चुनौती है. कोरोना के केस कम होते जा रहे हैं लिहाजा अब सारा ध्यान आर्थिकी पर जाना चाहिए.