Bihar News: जीतन राम मांझी ने आपात संकट को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ाने का आग्रह किया है.
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Patna: कोरोना काल के बीच हम पार्टी के सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर सरकार से पंचायती प्रतिनिधी के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि आपातकाल के दौरान लोकसभा के कार्यकाल को संविधान के आर्टिकल 352 के तहत बढ़ा दिया गया था.
कोरोना के आपात संकट को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कम से कम 6 माह के लिए बढ़ा दिया जाए जिससे ग्रामीण इलाके का विकास कार्य चलता रहे.
वहीं, मांझी के इस ट्वीट को उनकी पार्टी के दूसरे नेता भी सही ठहरा रहे हैं. हम के प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पूर्व सीएम ने सही कहा है कि 6 महीना कार्यकाल को बढ़ाया जाए. संविधान के आर्टिकल 352 में स्पष्ट कहा गया है कि विशेष हालात में कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है.
हम प्रवक्ता ने अपने नेता की मांग को ठहराया सही
हम प्रवक्ता ने कहा कि इसी के तहत देश में तीन बार लोकसभा के कार्यकाल को 6 महीने बढ़ाया गया है. उसी प्रकार बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कार्यकाल बढ़ाया जाए. इससे गांवों के विकास कार्य में बाधा नहीं पहुंचेगी. विजय यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी से हम सभी लोग आग्रह करते हैं कि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को 6 महीने बढ़ाया जाए.
जीतन राम मांझी के ट्वीट पर जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि मांझी पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और मंत्री भी रहे हैं उन्हें पता है कि सरकार की कार्यप्रणाली कैसे होती है. पंचायती राज मंत्री ने कहा है कि सरकार इस पर विचार कर रही है देखिए सरकार का क्या निर्णय होता है.
राजद ने पंचायत चुनाव को लेकर मांझी के बयान पर ये कहा
RJD MLC रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि सबको पता है कि विशेष परिस्थिति को लेकर पंचायत प्रतिनिधि के चुनाव नहीं हो रहे हैं, उसके लिए कहीं से भी पंचायत प्रतिनिधि जिम्मेवार नहीं है. इस संदर्भ में तेजस्वी प्रसाद यादव ने लिखित रूप से मुख्यमंत्री को पत्र दिया था कि इनके कार्यकाल को बढ़ाया जाए.
साथ ही राजद एमएलसी ने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री पर इस मामले में कोई असर होता नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री के सलाहकार नौकरशाह हैं और वह कभी नहीं चाहेंगे कि पंचायत प्रतिनिधियों को अतिरिक्त पावर मिले या उनका विस्तार किया जाए.
कांग्रेस नेता बोले कि मुखिया 6 महीने काम नहीं करेंगे तो पहाड़ नहीं टूटेगा
कांग्रेस के MLC प्रेमचंद मिश्रा ने मांझी के ट्वीट को गैर जरूरी बातें बताया और कहा कि इस दिशा में काम करना चाहिए बिहार के लोगों को संक्रमण से कैसे बचाएं कोरोना कैसे काबू पाएं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते कोरोना संक्रमण पर थोड़ा काबू पाया गया है और फिर से पंचायत चुनाव समय बढ़ाइए यह कांग्रेस की ओर से गैर जरूरी है. मुखिया 6 महीने काम नहीं करेंगे तो कोई पहाड़ नहीं टूट जायेगा.
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बीजेपी प्रवक्ता का मांझी के बयान पर कमेंट
बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया ने कहा जो सही निर्णय राज्य के हित के लिए होगा वह सही समय पर मुख्यमंत्री जी के द्वारा ले लिया जाएगा. लेकिन इस बीच मांझी और मुकेश सहानी के मुलाकात ने राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दिया है.
जानें बिहार में कुल कितने मुखिया हैं?
बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों की बात करे तो मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के पद शामिल हैं राज्य में 8387 ग्राम पंचायतों के मुखिया है तो वहीं, 8387 सरपंच है जबकि वार्ड सदस्य 1,14,667 है पंच के 1,14,667 है पंचायत समिति के 11,491 और जिला परिषद सदस्य के 1161 पदों के 15 जून को कार्यकाल समाप्त हो रहे हैं.