रविशंकर प्रसाद के इस्तीफे के बाद बिहार में राजनीति तेज, विपक्ष ने लगाया साइडलाइन करने का आरोप
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रविशंकर प्रसाद के इस्तीफे के बाद बिहार में राजनीति तेज, विपक्ष ने लगाया साइडलाइन करने का आरोप

मोदी सरकार 2.0 (Modi Government 2.0) ​में कैबिनेट विस्तार किया गया है. इस पर  कुल 15 कैबिनट और 28 राज्यमंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. 

रविशंकर प्रसाद के इस्तीफे के बाद बिहार में राजनीति तेज (फाइल फोटो)

Patna: मोदी सरकार 2.0 (Modi Government 2.0) ​में कैबिनेट विस्तार किया गया है. इस पर  कुल 15 कैबिनट और 28 राज्यमंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. इसके अलावा  कई बड़े नेताओं से उनका मंत्री पद लिया गया है. जिसमे केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार, सदानंद गौड़ा, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया और देबाश्री चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.जिसके बाद एक बार फिर से बिहार की राजनीति में इसके सवाल उठ रहे हैं. 

दरअसल, इस बार रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) से उनका मंत्री पद ले लिया गया है. कहा रहा है कि नेताओं के काम को देखने के बाद उनसे इस्तीफा लिया गया है. ऐसे में सवाल साफ है कि क्या रविशंकर प्रसाद उम्मीदों पर खरे नही उतरें हैं. बीजेपी के कई बड़े नेता इस सवाल से कन्नी काट रहे हैं. 

ये भी पढ़ें: कैबिनेट विस्तार के बाद बिहार में राजनीतिक तपिश बढ़ी, JDU को एक विभाग मिलने पर विपक्ष ने उठाए सवाल 

बीजेपी भले ही इस सवाल पर लगातार चुप हो, लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती है. विपक्ष का कहना है कि पार्टी में ही अटल आडवाणी से जुड़े नेताओं कार्यतर्ताओं को ठिकाने लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में रविशंकर प्रसाद का भी नाम है. ये आरोप RJD और कांग्रेस दोनों ने लगाए हैं. बता दें कि रविशंकर प्रसाद पटना साहिब सीट से सांसद हैं और उनकी गिनती बीजेपी के बड़े लीडर्स में होती है.

 

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