बिहार सरकार ने SC से अपनी उस याचिका को वापस ले लिया है जिसमे उसने इस साल प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति की भर्ती प्रकिया में B.Ed डिग्री धारको को भी शामिल करने की मांग की थी.
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Patna: बिहार (Bihar) में 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को बड़ी सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट शिक्षक नियुक्ति के मामले बिहार सरकार की अर्जी पर सुनवाई की. इस सुनाई मे बिहार सरकार ने SC से अपनी उस याचिका को वापस ले लिया है जिसमे उसने इस साल प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति की भर्ती प्रकिया में B.Ed डिग्री धारको को भी शामिल करने की मांग की थी.
दरअसल, जस्टिस बोस की बेंच ने अगस्त में दिए गए फैसले में NCTE के 2018 के उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था, जिसके जरिये B.Ed केंडिडेट भी प्राइमरी स्कूल टीचर्स की नौकरी के लिए योग्य हो गए थे. इसी बीच B.Ed कैंडिडेट्स की ओर से प्रशांत भूषण ने बताया कि इस मामले मे उनकी ओर से भी याचिका दायर की गई है.
गौरतलब है कि 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति का भविष्य इस सुनवाई पर टिका हुआ था. बता दें कि ये मामला बीएड पास शिक्षक अभ्यर्थियों से जुड़ा है. बिहार लोक सेवा आयोग यानि बीपीएससी ने दो हफ्ते पहले ये तय किया था कि बीएड पास प्राइमरी (पहली से पांचवीं) टीचर नहीं बन पाएंगे. इसके बाद 3 लाख 90 हजार बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लग गई थी.
बता दें कि BPSC ने ये फैसला किया था कि केवल डीएलएड पास उम्मीदवारों का ही रिजल्ट जारी किया जाएगा.ये निर्णय बीपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण लिया था क्योंकि राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को खत्म कर दिया था.