छपरा के लाल अनुराग वर्मा का कमाल, 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में हासिल की 18वीं रैंक
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छपरा के लाल अनुराग वर्मा का कमाल, 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में हासिल की 18वीं रैंक

छपरा के लाल अनुराग वर्मा ने भी अपने हौसले के चलते वो मुकाम हासिल किया, जहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है. बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित 31 वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 18 वीं रैंक हासिल की है.

छपरा के लाल अनुराग वर्मा का कमाल, 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में हासिल की 18वीं रैंक

छपरा: इरादा पक्का हो और हौसले बुलंद हो तो कोई भी चीज नामुमकिन नहीं. जिंदगी में आने वाली हर बाधा को आप अपने दृढ़ निश्चय से पार कर सकते हैं. छपरा के लाल अनुराग वर्मा ने भी अपने हौसले के चलते वो मुकाम हासिल किया. जहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है. छपरा जिले के पानापुर प्रखंड के भगवानपुर गांव के रहने वाले अनुराग वर्मा ने बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित 31वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की है.

लॉ यूनिवर्सिटी रांची से की एलएलबी 
अनुराग वर्मा ने साल 2015 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रांची से एलएलबी किया. उसके बाद उन्होंने केनरा बैंक में बतौर लॉ अधिकारी के रूप में काम किया. वर्तमान में अनुराग भारत सरकार के एनसीसी में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में दिल्ली में कार्यरत हैं. नौकरी करते हुए उन्होंने न सिर्फ कॉम्पिटिशन की तैयारी की, बल्कि उसमें सफलता भी हासिल की.

परिवार में खुशी का माहौल
अनुराग वर्मा के परिवार में ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी में तैनात हैं. पिता दिवंगत हरेंद्र प्रसाद वर्मा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी तैनात थे. वहीं मां उमा श्रीवास्तव एक शिक्षिका थी. अनुराग के परिवार में एक बड़े भाई और एक छोटी बहन है. अनुराग बड़े भाई आलोक श्रीवास्तव और भाभी नेहा के साथ ही बहन अंकिता ने अपने भाई की कामयाबी पर खुशी जाहिर की है. वहीं मुजफ्फरपुर बोचहां के अंचल अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद वर्मा और स्वास्थ्य विभाग के शंकर प्रसाद वर्मा ने अपने भतीजे की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की.

गांव वाले दे रहे बधाई
अनुराग की कामयाबी से एक बात तो साफ है कि शहर ही नहीं बल्कि गांव में भी प्रतिभा की कमी नहीं है. कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत ही ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले अनुराग ने आज सफलता का स्वाद चखा है. यहीं वजह है कि अनुराग के परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है.

इनपुट-राकेश
जूही उरूषा खान, आउटपुट

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