शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी माता की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है तो उसे शुक्रवार के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए.
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पटना: Daily Panchang: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. आज शुक्रवार है, माता लक्ष्मी की पूजा करें. जानिए पञ्चांग में क्या है खास, बता रहे हैं पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी.
मार्गशीर्ष - कृष्ण पक्ष- नवमी तिथि 09.33 बजे तक,
इसके उपरांत दशमी तिथि
दिन - - शुक्रवार
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- वैधृति योग
चन्द्रमा का सिंह के उपरांत कन्या राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.50 बजे से 12.33 बजे तक
राहु काल- 10.50 बजे से 12.11 बजे तक.
आज करें मां लक्ष्मी की पूजा
आज शुक्रवार है. शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी माता की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है तो उसे शुक्रवार के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है. अगर वे अपने भक्त पर प्रसन्न हो जाती हैं तो उसके जीवन को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं. इसके अलावा शुक्रवार को अगर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं क्योंकि उन्हें भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माना जाता है. आजकल की भागदौ़ड़ भरी जिंदगी में हर कोई पर्याप्त धन कमाना चाहता है. धन न होने की स्थिति में लोगों को बेहद कठनाई का सामना करना पड़ता है. उन्हें शुक्रवार को माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अवश्य करनी चाहिए.
ऐसे होगा धनलाभ
शु्क्रवार के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीजें जैसे कमल का फूल, कौड़ी, शंख, लाल या गुलाबी कपड़ा किसी मंदिर में जाकर अर्पित करें. इससे आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती हैं. कहते हैं कि जिस जगह साफ-सफाई होती है वहीं मां लक्ष्मी का वास होता है. गंदे स्थान से मां लक्ष्मी दूरी बनाकर रखती हैं. ऐसे में अपने घर और कार्यस्थल पर हमेशा साफ-सफाई रखें. खासतौर पर शुक्रवार के दिन कार्यस्थल की सफाई ज़रूर करें. इससे धनलाभ होगा.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज बलथर मिट्टी से एक पिंड बनाकर उसपर सिंदूर का तिलक कर उसपर दूध और एक सफेद मिठाई अर्पित करें. उसके बाद एक उस पिंड के सामने एक धी का दीपक प्रज्वलित कर अपनी मनोकामना का स्मरण करें. दीपक बुझ जाने के बाद पिंड को नदी में प्रवाहित कर दें.