Aryabhatta Knowledge University में फेल स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की मांग नामंजूर, छात्रों ने किया प्रदर्शन
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Aryabhatta Knowledge University में फेल स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की मांग नामंजूर, छात्रों ने किया प्रदर्शन

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने किसी भी सूरत में प्रमोट करने से मना कर दिया है. विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन ने कहा, 'एनएमसी के नियमों के अनुसार, अधिकतम 5 नंबर का ग्रेस दिया जा चुका है अब यहां से आगे हम कुछ नहीं कर सकते हैं.'

 Aryabhatta Knowledge University में फेल स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की मांग नामंजूर. (फाइल फोटो)

Patna: पटना के मीठापुर स्थित आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (Aryabhatta Knowledge University) में मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्रों ने बुधवार को काफी देर तक का हंगामा किया, जिसके बाद हंगामा बढ़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बुला ली और कैंपस में पुलिस को तैनात कर दिया गया.

बता दें कि राज्य भर के सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों से पहुंचे छात्र फेल हुए साथी छात्रों को पास करने की अटपटी मांग कर रहे थे. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर बेवजह फेल करने का आरोप लगाया है. दरअसल, बिहार में सभी मेडिकल और 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों की परीक्षा के परिणाम जारी कराने की जिम्मेदारी आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की होती है. कुछ दिन पहले ही आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों की परीक्षा के परिणाम को जारी किया था. ये परिणाम एमबीबीएस (सत्र 2019-24) के पहले बैच का था लेकिन नतीजों में 45 फीसदी छात्र फेल हो गए. 

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ऐसे में अब मेडिकल कॉलेजों के छात्र साथी फेल छात्रों को प्रमोट कर रहे हैं. हालांकि, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने किसी भी सूरत में प्रमोट करने से मना कर दिया है. विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन ने कहा, 'एनएमसी के नियमों के अनुसार, अधिकतम 5 नंबर का ग्रेस दिया जा चुका है अब यहां से आगे हम कुछ नहीं कर सकते हैं.'

जानकारी के मुताबिक, 1172 छात्र-छात्राओं में असफल छात्रों की संख्या 447 है. संभव है कि छात्रों ने कोरोना के मुश्किल वक्त में परीक्षा दी हो लेकिन फेल छात्रों को प्रमोट करके कोई भी विश्वविद्यालय गलत परंपरा की शुरुआत करना नहीं चाहेगा. लिहाजा मेडिकल छात्रों की मांग का कोई औचित्य नहीं है. 

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