Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी कथा, जानिए कैसे लिया गणेश जी ने एक बूढ़ी मां के अपमान का बदला
Advertisement

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी कथा, जानिए कैसे लिया गणेश जी ने एक बूढ़ी मां के अपमान का बदला

Ganesh Chaturthi 2022: यह कहानी एक बूढ़ी मां की गणेश भक्ति की है. कहते हैं कि एक बूढ़ी माई गणेश जी की रोज पूजा करती थी. पूजा में उनका नियम था कि वह हर रोज पूजा के लिए माटी के गणेश बनाती थीं, लेकिन उनकी एक समस्या थी.

 

(फाइल फोटो)

पटनाः Ganesh Chaturthi 2022: भगवान शिव के पुत्र गणेश जी सिर्फ गणों के नायक नहीं है, बल्कि लोक देवता हैं. उन्हें उत्तर दिशा का लोकपाल निर्धारित किया गया है. इसके अलावा उन्हें प्रथम पूज्य का दर्जा भी प्राप्त हैं. अन्य सभी देवताओं के लिए आपको पुराणों में कथाएं मिलेगीं, लेकिन गणेश जी ऐसे देवता हैं जो कि न सिर्फ पुराणों में बल्कि लोक कथाओं और कवदंतियों में भी स्थान पाए हुए हैं. उन्हें लेकर लोक मान्यता अधिक है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तिथि गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. दस दिन के इस त्योहार में गणेश स्थापना की जाती है और उनकी पूजा की जाती है. हालांकि चतुर्थी का व्रत हर माह होता है, जिसकी एक कथा बहुत प्रसिद्ध है. 

रोज गल जाते थे गणेश जी
यह कहानी एक बूढ़ी मां की गणेश भक्ति की है. कहते हैं कि एक बूढ़ी माई गणेश जी की रोज पूजा करती थी. पूजा में उनका नियम था कि वह हर रोज पूजा के लिए माटी के गणेश बनाती थीं, उन्हें भोग और जल देती थीं. वह नन्हें बालक की तरह उनकी देखभाल करती थीं. लेकिन बूढ़ी अम्मा की एक समस्या थी कि वह हर रोज जब गणेश जी को मिट्टी से बनाती थीं, फिर भोग, उबटन, पानी, स्नान आदि कराती थीं तो इतने में गणेश जी गल जाते थे. बेचारी माई किसी तरह अपनी पूजा कर पाती थीं. 

बूढ़ी माई को बनवाने थे पत्थर के गणेश जी
एक दिन बूढ़ी माई के घर के सामने एक सेठ की हवेली बनने का काम लगा. बूढ़ी माई को विचार आया कि इन्हीं कारीगरों से कहकर एक बढ़ि मूर्ति बनवा लेते हैं तो गणेश जी को ठीक से उबटन, चंदन पानी हो पाएगा. बुढ़िया मांई सेठजी के मकान पर जाकर मकान बनाने वाला कारीगर से बोली  'भैया. मेंरे मिट्टी के बनाए गणेशजी रोज गल जाते हैं. आप मेरी पूजा के लिए पत्थर से एक गणेशजी बना दो, आप की बहुत आभारी रहूंगी. 'कारीगर कुछ घमंड में बोला कि माई! जितनी देर में तुम्हारे लिए गणेश जी बनाएंगे उतनी देर में तो सेठजी की चार दीवारें पूरी हो जाएंगी. 'बुढ़िया माई दु:खी हुईं और अपनी कुटिया में वापस आ गईं. उधर एक छोटे बालक ने भी ये सुना तो उसने कहा, क्यों भाई, बना दो न गणेश जी, लेकिन कारीगर ने उस बच्चे को भी चले जाने को कहा  बच्चे ने कहा, जाता हूं जाता हूं, इतना टेढ़ा बोलते हो, तुम्हारी दीवार भी टेढ़ी बनेगी.

जब दीवार होने लगी टेढ़ी
उधर सेठ जी की दीवार बननी शुरू हुई, लेकिन बनते बनते दीवार टेढ़ी होती जाए. दीवार पूरी करते  करते शाम हो गई, लेकिन दीवार एक इंच भी खड़ी नहीं हो पाई. शाम को सेठजी आए और पूछा कि आज हवेली बनाने की कुछ काम नहीं किया? तब मकान बनाने वाला कारीगर ने बुढ़िया वाली बात बताई. तब सेठजी ने बुढ़िया मांई से जाकर कहा  ' 'माई! तुम हमारी दिवार सीधी कर दो तो हम तुम्हें सोने के गणेश जी बनवा देंगे." गणेश जी ने यह सुनते ही सेठ जी की दीवार सीधी कर दी. सेठी जी ने बुढ़िया माई को पूजा के लिए सोने के गणेश जी बनवा कर दिए. गणेश जी को पाकर बुढ़िया माई बहुत प्रसन्न हुई. उन्होंने कहा  हे गणेश जी महाराज! जैसे सेठ जी की दीवार सिधी की वैसे ही कहते  सुनते सबके सभी कार्य सीधे करना.

ये भी पढ़िये: Raksha Bandhan 2022: कौन हैं गणेश जी की बहन, जानिए किनसे राखी बंधवाते हैं देवता

Trending news