Guru Grah Margi 24th November: वक्री चाल से मार्गी होने जा रहे हैं देव गुरु बृहस्पति, जानिए लाभ
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Guru Grah Margi 24th November: वक्री चाल से मार्गी होने जा रहे हैं देव गुरु बृहस्पति, जानिए लाभ

Guru Grah Margi 24th November: गुरुवार 24 नवंबर 2022 सुबह 04:36 पर गुरु मीन राशि में मार्गी होने जा रहे हैं. देवगुरु बृहस्पति ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक ग्रह माने गए हैं. 

Guru Grah Margi 24th November: वक्री चाल से मार्गी होने जा रहे हैं देव गुरु बृहस्पति, जानिए लाभ

पटनाः Guru Grah Margi 24th November: समस्त नवग्रहों में गुरु ग्रह  (Jupiter ) को एक शुभ ग्रह माना जाता है. कहते हैं कि अगर व्यक्ति की जन्मपत्रिका में गुरु ग्रह  (Jupiter ) शुभ हो तो बहुत ही लाभ पहुंचाते हैं वहीं अशुभ होने पर बहुत पीड़ा भी देते हैं. गुरु ग्रह  (Jupiter ) बीती 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री यानि उल्टी चाल चल रहे थे किंतु पंचांग के अनुसार गुरु 24 नवंबर 2022 को वक्री से मार्गी होंगे.

ज्योतिष में शुभ ग्रह हैं बृहस्पति
ज्योतिषाचार्य डॉ. पूजा भाटिया (Astrologer  Pooja Bhatia  ) बताती हैं कि गुरुवार 24 नवंबर 2022 सुबह 04:36 पर गुरु मीन राशि में मार्गी होने जा रहे हैं. देवगुरु बृहस्पति ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक ग्रह माने गए हैं. इन्हें पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व प्रदान है. गुरु को ज्‍योतिष में एक शुभ ग्रह माना गया है जो कि जातकों को करियर और धन संबंधी मामलों में लाभ प्रदान करते हैं. कुंडली में गुरु के अनुकूल होने पर माना जाता है कि जातक अपने जीवन में खूब नाम कमाएगा और उसे तरक्‍की के साथ शुभ फल और आनंद की प्राप्ति होगी. 

जीवन में सकारात्मक ऊर्जा देता है गुरु ग्रह
गुरु  (Jupiter ) जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक हैं. अपने सकारात्मक रुख के कारण व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझाने के प्रयास में लगा रहता है. गुरु आशावादी बनाते हैं और निराशा को जीवन में प्रवेश नहीं करने देते हैं गुरु बली होकर स्थित हों, तो व्यक्ति के रुप-रंग पर गुरु का प्रभाव रहता है. गुरु बुद्धि को बुद्धिमान, ज्ञान, खुशियां और सभी चीजों की पूर्णता देता है. बृहस्पति के बलहीन होने पर जातक को अनेक बिमारियां जैसे मधुमेह, पित्ताशय से संबधित बिमारियों प्रभावित कर सकती हैं. कुंडली में गुरु के नीच वक्री या बलहीन होने पर व्यक्ति के शरीर की चर्बी भी बढने लगती है जिसके कारण वह बहुत मोटा भी हो सकता है. व्यक्ति धर्म तथा आध्यात्मिकता के नाम पर लोगों को धोखा देने वाला हो सकता है.

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