निवेशक हो जाएं सावधान ! IRCTC में सरकार बेच रही है अपनी हिस्सेदारी
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निवेशक हो जाएं सावधान ! IRCTC में सरकार बेच रही है अपनी हिस्सेदारी

IRCTC: इंडियन रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म कॉर्पोरेशन अपने सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है. भारतीय रेलवे में कैटरिंग और ऑनलाइन टिकट बुकिंग का मुख्य कारोबार है. कंपनी इसके अलावा प्राइवेट ट्रेनों का भी संचालन करती है IRCTC का आईपीओ 2019 में आया था. शेयर मार्केट में IRCTC की दमदार एंट्री हुई थी.

निवेशक हो जाएं सावधान ! IRCTC में सरकार बेच रही है अपनी हिस्सेदारी

पटना: IRCTC: इंडियन रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म कॉर्पोरेशन अपने सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है. भारतीय रेलवे में कैटरिंग और ऑनलाइन टिकट बुकिंग का मुख्य कारोबार है. कंपनी इसके अलावा प्राइवेट ट्रेनों का भी संचालन करती है IRCTC का आईपीओ 2019 में आया था. शेयर मार्केट में IRCTC की दमदार एंट्री हुई थी. इसका इश्यू प्राइस ₹320/शेयर था. इसके मुकाबले इसकी लिस्टिंग ₹626/शेयर पर हुई थी. IRCTC ने लिस्टिंग पर ही इन्वेस्टर्स के पैसे को लगभग दोगुना कर दिया था.

सरकार की IRCTC में हिस्सेदारी

इंडियन रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म कॉर्पोरेशन में सरकार की कुल हिस्सेदारी 67.4% है. 2019 में IRCTC का आईपीओ आने के बाद से कयास लगाया जा रहा था कि सरकार अपने विनिवेश योजना के तहत IRCTC सहित कई और कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटा सकती है. जिसका अब सरकार ने अब ऐलान कर दिया है. सरकार IRCTC में OFS ( ऑफर फॉर सेल ) के द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.

IRCTC का ऑफर फॉर सेल

इंडियन रेलवे कैटरिंग और टूरिज्म कॉर्पोरेशन का OFS 15 और 16 दिसंबर को होगा जिसके द्वारा सरकार अपने हिस्सेदारी से 4 करोड़ शेयर बेचेगी. जिसका प्राइस  ₹680/शेयर निर्धारित किया गया है. जबकि मंगलवार को IRCTC शेयर का भाव 733.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ है. जिसके हिसाब से सरकार 7% से अधिक डिस्काउंट पर यह ऑफर फॉर सेल लेकर आ रही है. 15 दिसंबर को ब्रोकर्स के लिए ओपन होगा जिसमें एक्सिस कैपिटल,जेएम फाइनेंस,गोल्डमैन सैक्स और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स ब्रोकर्स है.

रिटेल निवेशक के लिए ऑफर फॉर सेल

IRCTC का OFS 15 तरीक से शुरू हो जायेगा लेकिन रिटेल निवेशकों के लिए यह 16 दिसंबर से शुरू होगा जिसमें रिटेल निवेशक भाग ले सकेंगे. 16 दिसंबर को सुबह 9.15 से 3.30 मार्केट बंद होते समय तक अप्लाई किया जा सकेगा. केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश योजना द्वारा 65000 करोड़ पूजी जुटाने की योजना है जिसके लिए सरकार अलग अलग कम्पनियों अपनी हिस्सेदारी बेचेगी जिसकी शुरुआत सरकार ने कर दी है. विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा और भी कंपनियों में हिस्सेदारी घटाई जा सकती है.

 

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