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Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य में नई रिक्रूटमेंट पॉलिसी (नियोजन नीति) का ऐलान कर दिया है. इस पॉलिसी में राज्य में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक और इंटर पास करने की अनिवार्यता वाली शर्त समाप्त कर दी गई है. स्थानीय रीति रिवाज और परंपरा को जानने की शर्त भी अब अनिवार्य नहीं मानी जाएगी.
कैबिनेट की बैठक में दी मंजूरी
गुरुवार शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस अहम पॉलिसी को मंजूरी दी गई. सनद रहे कि झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 2021 में घोषित नियोजन नीति रिक्रूटमेंट पॉलिसी की शर्तों को संविधान के विपरीत बताते हुए रद्द कर दिया था. इसकी वजह से राज्य में सरकारी नौकरियों की दो दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं और नियुक्ति प्रक्रियाओं पर रोक लग गई थी. उम्मीद की जा रही है कि अब नई नीति के बाद परीक्षाओं और नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज होगी.
नई नियोजन नीति में अब नौकरियों की परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में हिंदी अंग्रेजी और संस्कृत को भी जोड़ा गया है. यह सारे नियम कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा स्नातक स्तर नियमावली, मैट्रिक दसवीं पास नियमावली और डिप्लोमा नियमावली में भी लागू रहेगी.
कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने दी जानकारी
कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि झारखंड से मैट्रिक और इंटर परीक्षा में पूरे राज्य में टॉप करने वाले को 3 लाख, सेकेंड टॉपर को 2 लाख और थर्ड टॉपर एक लाख प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. साथ ही मोबाइल और लैपटॉप दिया जायेगा. ओलंपिक में गोल्ड जीतनेवाले खिलाड़ियों को अब दो करोड़ की जगह 5 करोड़ राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे. इसी तरह अन्य पदक के लिए भी अलग-अलग राशि का प्रावधान किया गया है.]
(इनपुट भाषा के साथ)