जीतनराम मांझी का बिहार और गुजरात को सुझाव, 100-250 ग्राम शराब पीने वालों को नहीं पकड़ें
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जीतनराम मांझी का बिहार और गुजरात को सुझाव, 100-250 ग्राम शराब पीने वालों को नहीं पकड़ें

Jitan Ram Manjhi: मंगलवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी खराब नहीं है, मगर इसे लागू करने की प्रक्रिया गलत है. फिर चाहे वो बिहार हो या फिर गुजरात.

जीतनराम मांझी का बिहार और गुजरात को सुझाव, 100-250 ग्राम शराब पीने वालों को नहीं पकड़ें

पटना:Jitan Ram Manjhi: मंगलवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी खराब नहीं है, मगर इसे लागू करने की प्रक्रिया गलत है. फिर चाहे वो बिहार हो या फिर गुजरात. बड़े शराब तस्कर तो बच जाते हैं और पकड़े जाते हैं गरीब लोग. जेलों में 70 प्रतिशत ऐसे लोग बंद हैं, जो या तो आधा लीटर या फिर ढाई सौ ग्राम शराब पीते हुए पकड़े गए हैं. यह उनके साथ अन्याय है. ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए. जो सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हैं, उनको पकड़ना नहीं चाहिए.

250 ग्राम शराब पीने वालों को नहीं पकड़ें
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि शराबबंदी की समीक्षा होनी चाहिए. इसके टेस्ट में इस्तेमाल होने वाला ब्रेथ एनलाइजर भी कभी-कभी गलत जानकारी देता है, जिससे पकड़ने वाले बदमाशी करते हैं. मांझी ये बातें दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कही. इसके अलावा मांझी ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी स्वागत किया. मांझी ने जाति गणना को जरूरी बताते हुए कहा कि अब आरक्षण जनसंख्या के आधार पर मिलना चाहिए. इसके पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्तावना दिया गया कि बिहार के बाहर अन्य राज्यों में जल्द से जल्द संगठन की प्रदेश इकाई का गठन करते हुए 20 लाख सदस्य बनाए जाए. 

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हम आंबेडकरवादी सोच के
बता दें कि बीते शुक्रवार जीतनराम मांझी ने बोधगया स्थित अपने आवास पर कहा था कि आजादी के 75 साल के बाद भी बिहार में मनुवादी विचारधारा की पार्टी का कार्ड अब नहीं चलेगा. वैसे मनुवादी विचारधारा वाली पार्टी की उप चुनाव में करारी हार होगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि जो ब्राह्मण पूजा-पाठ कराते हैं, वो मांस-मदीरा का सेवन भी करते हैं. हम आंबेडकरवादी सोच वाले लोग हैं. उनके विचारों को अपनाकर ही समाज का कल्याण होगा. इसलिए आंबेडकर के विचार को सभी लोगों को अपनाना चाहिए.

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