Jyeshtha Purnima: 4 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा, बन रहा अद्भुत योग, करें ये उपाय मिलेगा लाभ
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Jyeshtha Purnima: 4 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा, बन रहा अद्भुत योग, करें ये उपाय मिलेगा लाभ

4 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है. इस दिन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है. आपको बता दें कि इस दिन इसलिए सनातन धर्म में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने का विधान है.

(फाइल फोटो)

Jyeshtha Purnima: 4 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है. इस दिन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है. आपको बता दें कि इस दिन इसलिए सनातन धर्म में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने का विधान है. पूर्णिमा के दिन स्नान दान और पूजा पाठ का विशेष महत्व है. इस ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को जेठ पूर्णमासी के नाम से भी जानते हैं. 

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए यह दिन सबसे खास है. इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान हरि विष्णु की पूजा और व्रत रख उनसे विशेष आशीर्वाद मांगते हैं. ऐसे में आपको इस दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए जिससे आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होगा. हालांकि इस बार ज्येष्ठ की पूर्णिमा तिथि 3 जून को दिन 11 :16 बजे से प्रारंभ होकर 4 जून को सुबह 9:11 बजे तक रहेगा ऐसे में आप इस दिन उपवास रखकर और सुबह स्नान ध्यान कर पूजा-पाठ से निवृत होकर गरीबों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें. 

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माता लक्ष्मी को इस दिन 11 कौड़ियां भी चढ़ाएं और उनका हल्दी से तिलक करें. इसके अगले दिन इन कौड़ियों को लाल वस्त्र में बांधकर धन वाली जगह पर रख दें. इससे धन से जुड़ी समस्या से मुक्ति मिलने के साथ कर्ज से भी मुक्ति मिल जाएगी. इस बार इश दिन विशेष संयोग बन रहा है ऐसे में चंद्र देव और मां लक्ष्मी की पूजा इस दिन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी और कुंडली में अगर चंद्र दोष है तो इससे निजात मिलेगा. 

इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं पहला रवि योग, दूसरी शिव योग और तीसरा सिद्ध योग. वहीं 4 जून को सिद्ध और साध्य योग दोनों बन रहा है यानी पहले सिद्धि का योग और फिर साधना का योग. 

इस दिन आपको कछुए की मूर्ति घर लाकर उसका पूजा पाठ कर उसे स्थापित करना चाहिए ऐसा करने से आपकी मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होगी. इसके साथ ही चांदी की मूर्ति लाने से भी आपकी सभी परेशानियां दूर होगी. हाथी की प्रतिमा भी इस दिन घर ला सकते हैं क्योंकि हाथी को धन का प्रतीक माना गया है. 

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल, बरगद और तुलसी के पेड़ की पूजा अत्यंत सउभकारी मानी गई है. पीपल के वृक्ष में जहां मां लक्ष्मी का वास होता है वहीं बरगद के पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु और शिव का वास माना गया है. वहीं तुलसी में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आप किसी ब्राह्मण को सफेद कपड़े, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती जैसी चीजें दान कर सकते हैं. 

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