Navratri 2024: जानिए कैसे करें मां कालरात्रि की पूजा और पाएं रोग-भय से मुक्ति
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Navratri 2024: जानिए कैसे करें मां कालरात्रि की पूजा और पाएं रोग-भय से मुक्ति

Navratri 2024: आचार्य के अनुसार नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा करते समय उन्हें लाल गुड़हल की माला या नीले फूल अर्पित करने चाहिए. साथ ही, बेलपत्र चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है, जिससे देवी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा भक्तों पर बरसाती हैं.

Navratri 2024: जानिए कैसे करें मां कालरात्रि की पूजा और पाएं रोग-भय से मुक्ति

Navratri 2024: नवरात्रि 2024 का सातवां दिन आज 9 अक्टूबर को है और इस दिन देवी के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. देवी कालरात्रि का यह स्वरूप भयंकर माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी कालरात्रि की पूजा से भय, रोग और शत्रुओं का नाश होता है. साथ ही भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियों से भी मुक्ति मिलती है. देवी कालरात्रि को महाकाली, भद्रकाली, चामुंडा, चंडी और भैरवी जैसे विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है.

आचार्य मदन मोहन बताते हैं कि देवी की विधिवत पूजा करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. साथ ही, इस पूजा से रोग और भय भी समाप्त हो जाते हैं. देवी कालरात्रि के दर्शन और पूजा से भक्तों को मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है. साथ ही माता कालरात्रि का स्वरूप बेहद भयंकर है. पुराणों के अनुसार उनका रंग एकदम काला है, उनके बाल बिखरे हुए हैं, और गले में नरमुंड की चमकती माला है. उनके चार हाथ हैं और तीन नेत्र हैं. उनके एक हाथ में वरमुद्रा है, जिससे भक्तों को आशीर्वाद मिलता है और दूसरे हाथ में अभयमुद्रा है, जिससे भय का नाश होता है. बाकी दोनों हाथों में खड्ग और कटार धारण करती हैं, जो शत्रुओं के लिए विनाशकारी हैं.

आचार्य के अनुसार नवरात्रि के सातवें दिन देवी को पूजा के दौरान लाल गुड़हल की माला या नीले फूल अर्पित करने चाहिए.  इसके साथ ही बेलपत्र चढ़ाना भी शुभ माना जाता है. इससे देवी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा भक्तों पर बरसाती हैं. साथ ही मां कालरात्रि को भोग के रूप में मिठाई चढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा, पान के पत्ते पर मिश्री और मक्खन का भोग अर्पित करने से देवी विशेष प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहती है.

साथ ही पूजा के समय 'या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।' मंत्र का जप करना चाहिए. इसके अलावा, 'ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः' मंत्र का जाप भी अत्यंत लाभकारी होता है. इस तरह से विधिपूर्वक पूजा करने से मां कालरात्रि का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे सभी संकटों का नाश होता है.

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