MSME In Bihar: बिहार में MSME को मजबूत बनाने के लिए एक योजना 2018 तो एक 2023 में शुरू की गई थी. इन 2 योजनाओं के तहत बिहार सरकार ने 74,540 लाभार्थियों को 2900 करोड़ रुपये बांटे हैं.
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पटना: 50,530 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद बिहार सरकार ने अब राज्य में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने लिए लगभग 74,540 लाभार्थियों में करीब 2,900 करोड़ रुपये बांटे हैं. उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि राज्य में MSME को बढ़ावा देने के लिए दो योजनाओं के तहत ये रुपये बांटे गए हैं. इनमें से एक योजना पिछले साल ही शुरू की गई थी. उन्होंने कहा, बिहार में MSME का एक मजबूत आधार है और इसे बढ़ाने के लिए सरकार ने 2018 और 2023 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (एमएमयूवाई) और बिहार लघु उद्यमी योजना (बीएलयूवाई) शुरू की थी.
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वंदन प्रेयसी का कहना है कि एमएमयूवाई के तहत 2018 से अबतक 34,441 लाभार्थियों को कुल 2,697 करोड़ रुपये तो बीएलयूवाई के तहत 40,099 लाभार्थियों को पहली किस्त के 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार लघु उद्यमी योजना का उद्देश्य उन गरीब परिवारों के कम से कम एक सदस्य को रोजगार के अवसर प्रदान करना है, जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये महीने से कम है.
सचिव ने कहा, दो दिन के मेगा बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023 के दौरान एक उल्लेखनीय उपलब्धि सामने आई. इसमें 278 कंपनियों ने कुल 50,530 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. कई बड़ी कंपनियों ने बिहार को अपने पसंदीदा गंतव्य के रूप में चुना. बिहार सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (बीआईपीपी), बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023, एथनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 और कपड़ा और चमड़ा नीति-2022 लागू की है.
सचिव ने कहा, इन नीतियों के तहत, 481 आवेदनों को चरण-1 की मंजूरी दी गई, जिसमें प्रस्तावित निवेश राशि 4,512.85 करोड़ रुपये थी. कुल 175 इकाइयों को 2,195.10 करोड़ रुपये की निवेश राशि के साथ वित्तीय प्रोत्साहन के लिए मंजूरी दी गई, जो राज्य निवेश प्रोत्साहन नीतियों की शुरुआत के बाद से अबतक का सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्टार्टअप इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, 2023-24 में राज्य में 255 स्टार्टअप को मान्यता दी गई. इनको शुरुआती पूंजी के रूप में कुल 11.92 करोड़ रुपये बांटे गए हैं. अप्रैल, 2023 से जनवरी, 2024 तक, बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने 427 इकाइयों को भूखंड/शेड (492 एकड़ भूमि) आवंटित किए हैं और इससे राज्य में 35,224 रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं. चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 149 इकाइयों को बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड में 3,950.48 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के लिए चरण-1 मंजूरी दी गई है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार के बक्सर जिले के नवानगर और पश्चिमी चंपारण जिले के कुमारबाग में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थापित करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है. सचिव ने कहा, संबंधित अधिकारी बिहार में निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) की स्थापना पर भी काम कर रहे हैं, जिससे बिहार के निर्यातकों को अपने कारोबार का अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करने में मदद मिलेगी.
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बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस साल तीन अगस्त को नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड में अदाणी समूह की इकाई अंबुजा सीमेंट्स की सहायक कंपनी अंबुजा कंक्रीट नॉर्थ प्राइवेट लिमिटेड की 1,600 करोड़ रुपये की सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई की आधारशिला रखी थी. इसे सीमेंट उद्योग के किसी निवेशक द्वारा राज्य में किया गया सबसे बड़ा निवेश बताया जा रहा है. अदाणी समूह ने बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में 5,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने का फैसला किया है. इसमें सीमेंट निर्माण (मुजफ्फरपुर में), लॉजिस्टिक्स (पटना के पास) और अररिया, किशनगंज और बेगूसराय में कृषि-उद्योग से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं. इनसे कुल 40,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
इनपुट: भाषा