अति पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन रहना चाहिए, वो जरूरी है - नीतीश कुमार
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अति पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन रहना चाहिए, वो जरूरी है - नीतीश कुमार

बिहार केसरी डॉ० श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर राजकीय जयंती समारोह के बाद पत्रकारों द्वारा नगर निकाय चुनाव में आरक्षण से संबंधित पूछे गये प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अति पिछड़े वर्ग का रिजर्वेशन रहना चाहिए, वो जरूरी है. आयोग बन गया है, वो सभी चीजें देखेगा.

(फाइल फोटो)

पटना : बिहार केसरी डॉ० श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर राजकीय जयंती समारोह के बाद पत्रकारों द्वारा नगर निकाय चुनाव में आरक्षण से संबंधित पूछे गये प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अति पिछड़े वर्ग का रिजर्वेशन रहना चाहिए, वो जरूरी है. आयोग बन गया है, वो सभी चीजें देखेगा. वर्ष 1978 में इस देश में सबसे पहले बिहार में ही जननायक कर्पूरी ठाकुर ने ओबीसी और ईबीसी दोनों के लिए आरक्षण देने का काम किया था. उनके समय का यह काम किया हुआ है.

ओबीसी आरक्षण पर खुलकर बोले नीतीश कुमार 
बाद में 2000 में तत्कालीन सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण देने का काम किया था. वर्ष 2005 में जब हमलोगों को मौका मिला तो हमने उसमें कहा कि ओबीसी में सिर्फ ईबीसी को आरक्षण देंगे. सभी दल के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद यह काम हुआ है. अति पिछड़े के लिए तो यह वर्ष 2006 में ही जब पहली बार पंचायत का चुनाव हुआ तब किया गया था और वर्ष 2007 में नगर निकायों के लिए भी उसी प्रकार का कानून बनाकर आरक्षण दिया गया. बहुत लोगों ने इसे चुनौती दी थी कोर्ट में, लेकिन हाईकोर्ट ने तो बिल्कुल सरकार का जो निर्णय था, उसको सही कहा और सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला आया की यह ठीक है. यहां तो चार बार पंचायत का चुनाव इसी तरीके से हुआ और तीन बार नगर निकाय का भी चुनाव हो चुका है.

ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में सारी बातों को दोबारा रखा जाएगा- नीतीश कुमार 
अति पिछड़ों को आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए? शहरी इलाके में तो सबको मालूम है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावे जो अति पिछड़े वर्ग के लोग हैं वे सबसे ज्यादा गरीब हैं, उनको आरक्षण जरूर मिलना चाहिए. इससे लोगों को अवसर मिलता है, लोग उससे आगे बढ़ेंगे. हमने कहा कि ठीक है अगर इसमें कोई बात है तो आयोग बना दिया गया है वो फिर से सब कुछ आकलन करके और अध्ययन करके इसे देखेगा और जो उनकी रिपोर्ट आएगी उसी के आधार पर निर्णय लिया जाएगा और उसी के आधार पर चुनाव होगा. दुबारा हाईकोर्ट में सारी बातों को रखा जाएगा.

डीजीपी को फर्जी फोन कॉल कर के झांसे में लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस बात का पता चला कि कोई गड़बड़ आदमी फर्जी कॉल कर रहा है तो उस पर एक्शन लिया गया और कानूनी कार्रवाई की गई है.

प्रशांत किशोर के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कृपा करके उनके बारे में मुझसे सवाल नहीं पूछा करें. हमने कुछ लोगों को कितनी इज्जत दी लेकिन उन लोगों ने मेरे साथ कितना दुर्व्यवहार किया. बेरोजगारी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. आज ही कई लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. हमलोग रोजगार की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं. सब कुछ उसी के लिए किया जा रहा है.
(रिपोर्ट- स्वयं प्रकाश)

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