Bihar Politics: बिहार में कांग्रेस को भी अब तरजीह नहीं दे रहे नीतीश कुमार! जानिए ऐसा क्यों?
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Bihar Politics: बिहार में कांग्रेस को भी अब तरजीह नहीं दे रहे नीतीश कुमार! जानिए ऐसा क्यों?

बिहार में सत्ताधारी गठबंधन के दल इस बात के इंतजार में थे कि जल्द ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होगा. सारी तैयारियां भी लगभग पूरी थी. सभी अपनी मांगों को लेकर हो-हल्ला भी मचा रहे थे. लेकिन, नीतीश कुमार को कौन समझ सकता है.

(फाइल फोटो)

Bihar Politics: बिहार में सत्ताधारी गठबंधन के दल इस बात के इंतजार में थे कि जल्द ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होगा. सारी तैयारियां भी लगभग पूरी थी. सभी अपनी मांगों को लेकर हो-हल्ला भी मचा रहे थे. लेकिन, नीतीश कुमार को कौन समझ सकता है. अब तो ऐसा लगने लगा है कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द नहीं होनेवाला है मतलब कम से कम अगस्त तक तो इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है. कांग्रेस इस मंत्रिमंडल विस्तार से पहले अपने कोटे के मंत्री पद को लेकर पहले से ही बयानबाजी करना शुरू कर चुकी थी. मंत्रिमंडल में कांग्रेस को 2 और जगह चाहिए इसकी मांग भी करने लगे थे. 

अब ऐसा लगने लगा है कि मंत्रिमंडल विस्तार का यह काम अब ठंडे बस्ते में पड़ गया है. सीएम नीतीश कुमार ने इस विस्तार के फैसले के लिए तेजस्वी यादव को अधिकृत कर दिया है. वह इस मामले पर सीधे कहते हैं कि समय आने पर हो जाएगा. इस बारे में तेजस्वी यादव से पूछ लीजिए. 

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बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ तैयार विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A के नेता मुंबई में जुटान करने वाले हैं. यह बैठक इस महीने के अंतिम सप्ताह में होनी है. ऐसे में अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार भी मुंबई बैठक की बाद ही होने की संभावना है. 

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ऐसे में बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सबसे ज्यादा हड़बड़ी की हालत में कांग्रेस है. राजद कांग्रेस को मंत्रिमंडल में एक और जगह देने के पक्ष में है जबकि कांग्रेस दो की मांग पर अड़ी है. दरअसल बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार में कांग्रेस के दो जगह की मांग तो राहुल के सामने नीतीश के आगे ही बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने रखी थी. 

बिहार में राजद के दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद से बिहार में दो मंत्रियों के लिए जगह खाली है. ऐसे में इसमें से एक ही पद कांग्रेस को मिलने की संभावना है. वहीं कांग्रेस के पार 19 विधायक है और वह दो मंत्रिपद की चाह में बेचैन है. कांग्रेस इसमें से साफ जानती है कि उसे एक ही मंत्रिपद मिल पाएगा. फिर भी राहुल गांधी के सामने बात हुई है तो कांग्रेस को उम्मीद है कि शायद दो पद उन्हें मिल जाए. 

 वहीं बिहार के कांग्रेसी नेता इस बात को मान रहे हैं कि भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी दल यह मान चुके हैं कि विपक्ष का नेतृत्व राहुल गांधी हीं करेंगे. ऐसे में राहुल की बात कौन नेता काट सकता है. शायद यही वजह है कि कांग्रेस ज्यादा हड़बड़ाहट में नजर आ रही है. 

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