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पटना : बिहार में भाजपा की तरफ से बुक किए गए ऑडिटोरियम के कैंसिल किए जाने का मामला सियासी रंग ले रहा है. एक तरफ भाजपा ने ऊर्जा ऑडिटोरियम की बुकिंग की और यहां कैलाशपति मिश्रा की स्मृति कार्यक्रम के आयोजन की बात कही. फिर भाजपा की तरफ से यहां प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के आयोजन का ऐलान हो गया. ऐसे में ऊर्जा ऑडिटोरियम प्रबंधन की ओर से इसकी बुकिंग कैंसिल कर दी गई. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे समेत बिहार भाजपा के कई नेता बिहार सरकार के रवैये को लेकर भड़क गए.
बता दें कि 20 मई को बिहार भाजपा की तरफ से प्रदेश कार्य समिति की बैठक का आयोजन पटना स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम में होना था जिसके बाद सरकार के द्वारा इस ऑडिटोरियम की बुकिंग कैंसिल कर दी गई है. ऐसे में इस पूरे मामले पर भड़कते हुए बिहार भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि बिहार में भाजपा के कार्यक्रम के लिए बिहार सरकार जगह कैसे नहीं देगी. अगर बिहार सरकार जगह नहीं देगी तो हम चढ़ जाएंगे. हमारी पार्टी की तरफ से पैसे दिए गए हैं और बुकिंग किया गया है. उन्होंने खीजते हुए कहा कि इस सरकारी की ऐसी की तैसी. बता दें कि 19 मई को ही बिहारसरकार की तरफ से इस ऑडिटोरियम में होनेवाले कार्यक्रम के लिए बुकिंग कैंसिल कर दी गई थी. वहीं जदयू की तरफ से कहा जा रहा है कि इस ऑडिटोरियम की बुकिंग कैंसिल इसलिए की गई कि भाजपा ने इसे कैलाशपति मिश्र स्मृति कार्यक्रम के लिए बुक किया था और यहां अपनी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक करने का मन बना लिया. ऐसे में गलत जानकारी देने की वजह से यह बुकिंग कैंसिल हुई.
वहीं पटना पहुंचने से पहले आरबीआई के 2000 के नोट को बंद करने के फैसले का स्वागत करते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि इस बड़े नोट के चलन से बाहर करने का फैसला आरबीआई की तरफ से लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि 2000 के नोट को बंद कना एक बेहतर फैसला है. यह फैसला आम जनता के हित में है. उन्होंने आगे कहा कि 2000 का नोट आम जनता के पास नहीं होती है. उन्होंने आरबीआई के फैसला का समर्थन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले को इस फैसले से परेशानी हो रही है. आगे उन्होंने कहा कि 2018 से ही यह नोट छपना बंद हो गया था. अब जो नोट इकट्ठा हैं वह भ्रष्टाचारियों क पास हैं.
वहीं आरबीआई के इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आरबीआई ने सोच समझकर हीं ये फैसला लिया होगा. उन्होंने कहा कि 2000 के नोट का बंद होना आम जनता के हित में है. वहीं आरबीआई के इस फैसले पर राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि ये फैसला आरबीआई ने लिया है और इस पर किसी राजनेता को टिप्पणी नहीं करना चाहिए.